November 22, 2024
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चित्रा पटेल : रायपुर। राजधानी रायपुर में पहली बार धर्म संसद के दो दिवसीय आयोजन में देश भर के साधु-संत जुटे। रावणभाठा मैदान में धर्म संसद में का आयोजन पर अयोघ्या से आए महंत रामदास महाराज ने कहा कि इसका आयोजन भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, सनातनियों को एकजुट करना, राष्ट्रीय हिंदू बोर्ड का गठन, रायपुर में गुरुकुल निर्माण, सनातन धर्म की रक्षा और हिंदुओं को जागरुक करने के मुद्दे पर परिचर्चा होगी। उन्होंने काशी के विकास और जीर्णाेंद्धार को सही बताते हुए कहा कि प्रणानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता मंदिर के जीर्णाेंद्धार और उसे राम मंदिर की तरह भव्य बनाने पर केंद्र के सहायोग पर कहा कि केंद्र सरकार प्राचीन धार्मिक स्थलों और धरोहरों के संरक्षण की दिशा में काम कर रही है। कौशल्या माता मंदिर की तरफ भी ध्यान जरूर देंगे। धर्म संसद की ओर से एक प्रस्ताव जाएगा कि कौशल्या माता की मंदिर को भव्य बनाया जाए। महंत रामदास महाराज ने कहा कि गौ रक्षा और खेती की ओर ध्यान देकर ही देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ में नरवा, गरूआ, घुरवा बाड़ी के संरक्षण के लिए सरकार के प्रयासों की प्रसंशा करते हुए महंत रामदास महाराज ने कहा कि सरकार इस दिशा में अच्छा काम कर रही है। आने वाले समय में इस दिशा में कार्य करना जरूरी होगा। गौधन से ही राष्ट्र समृद्ध होगा। अभी तो हम केवल जहर खा रहे हैं। गौ माता की सेवा करेंगे तो जैविक खेती होगी और हम सब समृद्ध होंगे। काशी को रेस्टोरेंट बनाए जाने के आरोपों पर कहा कि काशी को धर्म नगरी के आधार पर प्रतिस्थापित करने वहां पर अवैध कब्जों को हटाकर एक जगह पर एकत्रित कर उसे व्यवस्थित किया जा रहा है। उन्होंने काशी को लेकर कहा कि पहले यह ज्ञान व्यापी मस्जिद के नाम से जानी जाती थी। शिव का जहा पर अवतार हुआ उस जगह का सौदर्यीकरण करने का प्रयास किया गया है।

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अध्योध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर महंत रामदास महाराज ने कहा कि यह देश ही नहीं पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय उदाहरण होगा। धार्मिक लोगों की समिति की देखरेख में दो साल में मंदिर निर्माण पूरा होगा। यहां पर लोगों को आनाजाना बढ़ा है। भगवान राम के प्रति लोगों की भावना का सम्मान केंद्र और यूपी सरकार ने किया है। देश और दुनिया इसे देखेगी। 10 हजार साल तक बना रहे ऐसी मजबूत नींव के साथ इसका निर्माण किया जा रहा है। वृदांवन में बने प्रेम मंदिर और ताल महल से भी भव्य होगा। लोग यहां पर देखने आएंगे।

देश में एक जैसी व्यवस्था हो
साध्वी विभानंद गिरी ने कहा कि देश के मठ मंदिरों की सुरक्षा, लव जिहाद खत्म करने, बढ़ते धर्मांतरण के मामलों के प्रति लोगों को जागरूक करने, हिंदू संस्कृति का महत्व बताने के लिए धर्म संसद का आयोजन किया गया है। विभानंद गिरी ने कहा देश में एक जैसी व्यवस्था हो जो सभी वर्ग, जाति, संप्रदाय के लोगों पर लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का राजा ऐसा हो जिसके अंदर सभी लोगों के लिए समान भाव। ऐसा करने पर ही देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा।

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देश भर के संत समाज एकत्रित हुए
श्री नीलकंठ सेवा संस्थान के संस्थापक पं. नीलकंठ त्रिपाठी ने बताया कि सनातन धर्मियों को एकत्रित करने के लिए संत समाज चर्चा कर रहे हैं। इसके लिए संत महात्मा सनातन धर्म के लिए दिशा-निर्देश, सनातन धर्मियों के मार्गदर्शक बनेंगे। इस आयोजन में प्रदेश भर के करीब हजारों से अधिक लोग एकत्रित होने की संभावना जताई जा रही है। काय्रक्रम के प्रमुख संरक्षक दूधाधारी मठ के महंत और गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डा. रामसुंदर दास महाराज, शदाणी दरबार के संत डा. युधिष्ठिर लाल महाराज, शंकराचार्य आश्रम देवपुरी के प्रभारी स्वामी डा. इंदुभावनंद महाराज समेत अन्य लोग हैं।

हिंदू और सनातन धर्म की देंगे जानकारी
धर्म संसद में यूपी से भी बड़ी तादाद में संत पहुंचे हुए हैं। दूधाधारी मठ के प्रमुख महंत रामसुंदर दास ने कहा कि धर्म संसद लोगों को हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित की गई है। हम चाहते हैं कि लोग न सिर्फ इसे समझें बल्कि अपने आचरण में भी शामिल करें। यह भारत राष्ट्र और समाज के लिए भी बेहद जरूरी है। संतों ने मंच से अपनी बात रखते हुए कहा कि महाभारत में भीष्म पितामह भी यह चाहते थे कि जीत अर्जुन की हो। मगर उन्हें साथ दुर्योधन का देना पड़ा। आज हम भी उसी प्रकार से कंफ्यूज हैं। हमें पता है कि सही क्या है मगर हम गलत की ओर आकर्षित हैं। जरूरी है सनातन धर्म को समझते हुए इसके अपने रोजमर्रा के जीवन में लागू करने की ।
यूपी, सहित देश के कई संत पहुंचे
धर्म संसद में बाघम्बरी मठ लेटे हुए हनुमान मंदिर, प्रयागराज से महंत बलवीर गिरी महाराज, काली पुत्र महाराष्ट्र से संतकाली चरण महाराज, सुश्री साध्वी रंजना, बैजनाथ धाम के महामंडलेश्वर श्री प्रकाशचंद महाराज, महंत हनुमानगद्दी अयोध्या से रामदास महाराज, दिगम्बर अनी अखाड़ा चित्रकुट धाम से महंत श्री दिव्य जीवनदास महाराज, नागा साधु कांशी के राष्ट्रीय महासचिव महंत राहुल गिरी महाराज,चित्रकूट धाम से महंत भरतदास महाराज, वृंदावन से आचार्य सूरज महाराज,वृंदावन से आचार्य राम गोपाल महाराज,अयोध्या से जगत गुरु श्रीधराचार्य, ग्वालियर हरिद्वार से महामंडललेश्वर राजगुरू संतोषानंद एकादश रूद्रपीठ आए हैं।

HNS24 NEWS

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