अरुण गुप्ता : मध्य प्रदेश : सीधी। स्वतंत्र मत के खबर का बड़ा असर हुआ है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार जहां आज 9 दिसंबर को प्रभारी मंत्री मीणा सिंह अस्पताल के दौरे पर हैं तो वही बीते 7 दिसंबर को अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशानुसार क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग रीवा ने निरीक्षण कर अस्पताल व्यवस्था का जायजा लिया है। वह सिविल सर्जन डॉ एसबी खरे को चेतावनी भी दिए हैं कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तथा सिविल सर्जन के प्रति स्वास्थ्य कर्मचारियों का आक्रोश एवं सरकारी कमरा आवंटन में विवाद को लेकर स्वतंत्र मत ने जिम्मेदारी के साथ खबर को प्रकाशित किया था। जेडी रीवा ने निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारते हुए कार्रवाई की बात कही है।
अफसर के सामने ही कर्मचारियों में तू तू मैं मैं
बीते 7 दिसंबर को शाम 7:30 बजे के लगभग अतिरिक्त मुख्य सचिव भोपाल के निर्देशानुसार क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग रीवा डॉ प्रमोद पाठक तथा डॉ नंदिनी पाठक अस्पताल के निरीक्षण में पहुंचे थे। जहां सिविल सर्जन के खिलाफ आक्रोशित कर्मचारियों का गुस्सा जेडी के सामने फूट पड़ा और अफसरों के सामने ही तू तू मैं मैं होने लगी सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ एसबी खरे पर आरोप लगाया कि अपने चहेतों को कमरा आवंटन किए हैं। तथा हम लोग इमरजेंसी सेवा में रहते हैं इसलिए हम लोगों को कमरा मिलना चाहिए। लेकिन सिविल सर्जन जिम्मेदार अधिकारियों को गुमराह करते हुए सिर्फ अपने चाहेतो कमरा एलॉट किया गया है। वही एक कर्मचारी ने जिला चिकित्सालय में पेमेंट को लेकर आक्रोशित हो गया और सिविल सर्जन से अफसर के सामने ही झड़प होने लगी जहां अफसरों ने मोर्चे को संभालते हुए तत्काल पेमेंट करने की बात कही हैरानी शर्मनाक बात यह है कि सिविल सर्जन के द्वारा वाहन चालक अनुराग तिवारी भी सिविल सर्जन के खिलाफ क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा डॉ प्रमोद पाठक से गुहार लगाई कि 7 महीने से सिविल सर्जन ने गुमराह करते हुए वेतन रोका है जहां अब परिवार चलाने में भी परेशानी होने लगी है। सिविल सर्जन के द्वारा कोरोना काल में रात दिन मेहनत कर मरीजों की जान बचाने वाले डॉ अविनाश जान की सैलरी तानाशाही पूर्वक रोकी गई है। हालांकि पूरे मामले पर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा ने कार्रवाई की बात कही है।
अस्पताल में मच्छरों का आतंक
जिला चिकित्सालय में मच्छरों का आतंक है जहां मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने सिविल सर्जन को फटकार लगाते हुए व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं क्षेत्रीय संचालक श्री पाठक के द्वारा मरीजों के वार्ड में जाकर निरीक्षण किए जहां मरीजों को एक भी जिला चिकित्सालय की तरफ से बिछाने के लिए चादर तथा शरीर को ढकने के लिए ब्लैंकेट नहीं दिया गया था अफसरों के सवाल के जवाब देने में सिविल सर्जन के पसीने छूट गए और बगले झांकने लगे थे सिविल सर्जन के बचाव करते हुए एक कर्मचारी ने धीरे से जवाब दिया कि कपड़े धोने की मशीन खराब है। वही सिविल सर्जन के तानाशाही पूर्वक क्रियाकलापों से डॉक्टर स्टाफ नर्स तथा सीएमएचओ ऑफिस समेत पूरे स्वास्थ्य कर्मचारी परेशान है। पूरे मामले को लेकर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा डॉ प्रमोद पाठक तथा डॉ नंदिनी पाठक ने व्यवस्था को दुरस्त करने का आश्वासन दिया है तो वही दोषियों पर कार्रवाई करने का भरोसा भी दिए हैं।
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