समितियों के धान का सौदा कर मिलरों को बेच दिया गया, कलेक्टर ने कहा होगी कार्रवाई समितियों को शार्टेज का नोटिस आने के बाद पता चला
HNS24 NEWS November 16, 2021 0 COMMENTSरायपुर : जांजगीर-चांपा जिले के कुछ धान खरीदी केंद्रों से पिछले साल के खराब धान का राइस मिलरों द्वारा डीओ काटने के बाद भी उठाव नहीं करने पर इसे आधे कीमत में राइस मिलरों को ही बेचने का खुलासा हुआ है। खरीदी केंद्र के प्रभारियों पर दबाव डालकर यह काम कराया गया है। मामला जिले के अमलडीहा, मड़वा, चंद्रपुर, सपोस और कलमा के धान खरीदी केंद्रों का है, जहां हजारों क्विंटल धान की अफरा-तफरी की गई है। इनमें कई समिति प्रबंधकों को इस संबंध में तब जानकारी मिली, जब उनके पास धान के शार्टेज का नोटिस पहुंचा।
धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव समय पर नहीं होने के कारण यहां पर बारिश तथा अन्य कारणों से धान भीगकर खराब होने लगा। तब डीएमओ ने राइस मिलरों पर उठाव के लिए दबाव बनाया। धान के खराब होने और क्वालिटी अच्छी नहीं होने के कारण राइस मिलरों ने उठाने से मना कर दिया। चूंकि खाद्य विभाग ने सभी जिलों से सितंबर पहले सप्ताह तक धान का उठाव पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था। खराब धान का उठाव न होते देख कई खरीदी केंद्रों में अधिकारियों ने धान का उठाव करने राइस मिलरों से सौदा कर उन्हें आधे और कई जगहों पर 40 प्रतिशत कीमत पर उठाने की अनुमति दे दी। समिति प्रबंधकों को इसकी हवा भी नहीं लगी। मामला तब खुला, जब समिति प्रबंधकों के पास धान के शार्टेज को लेकर नोटिस भेजा गया।
समिति प्रबंधकों ने अफसरों को बताया जिम्मेदार समिति प्रबंधक दबी जुबान से कहने लगे हैं कि पूरे मामले को बड़े अधिकारियों और 5-6 मिलरों ने मिलकर अंजाम दिया है। इस संबंध में ,चंद्रपुर,अमलडीहा, मड़वा, चंद्रपुर, सपोस और कलमा के खरीदी केंद्र के एक कर्मचारी ने बताया, यहां पर 17 हजार क्विंटल धान बचा था, धान का उठाव होने के बाद तकरीबन 5 से 6 सौ क्विंटल धान पड़ा था। बारिश और अन्य कारणाें से इसकी क्वालिटी खराब हो गई थी, जिसे मिलर्स ने डीओ कटने के बाद भी उठाने से मना कर दिया था। बाद में अफसरों के कहने पर उठाया गया। चंद्रपुर में एक हजार क्विंटल और अन्य समितियों में भी इसी तरीके से गड़बड़ी की जानकारी आ रही है।
समितियों पर होगी एफआईआर
जितेंद्र शुक्ला, कलेक्टर ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी की आशंका है। जिन समितियों में धान शार्टेज ज्यादा है, उन्हें पहले ही चेतावनी दे दी है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। धान शार्टेज और किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए जिले में निगरानी समिति बनाई गई है। निगरानी टीम सभी समितियों के मामले देख रही है।
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