रायपुर : छ ग के जयपुर जिला तपकरा की बात है पिछले 2016 से जिले के तपकरा में संचालित हो रहे मुख्य्मंत्री कौशल विकास योजना संस्थान में तालाबंद हो गया है । बताया जा रहा है कि बिल्डिंग का दो सालों से किराया भुगतान नहीं होने के कारण संस्थान के बिल्डिंग के मालिक ने डेढ़ माह पहले संस्थान में ताला जड़ दिया है। बिल्डिंग के मालिक विनय गुप्ता ने बताया कि संस्थान के संचालक द्वारा 2 सालों से बिल्डिंग का किराया भुगतान नहीं किया गया है इसलिए आखिरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा ।
इस मामले में जब संस्थान के संचालक सुशील मिश्रा से जब सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रोजेक्ट बंद हो गया है ।शासन अभी प्राइवेट सेक्टर को प्रोजेक्ट नहीं दे रही है इसलिए फिलहाल संस्था को बन्द कर दिया गया है ।उन्होंने भी बताया कि किराए का भार ज्यादा हो गया था इस वजह से भी संस्था को बंद करके बिल्डिंग की चाबी मकान मालिक को सुपुर्द कर दिया गया है।
लेकिंन इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि संस्था को बंद हुए तकरीबन डेढ़ माह हो गए लेकिन अभी भी मुख्य्मंत्री की तस्वीरों के साथ मुख्य्मंत्री कौशल विकास योजना का बोर्ड लगा हुआ है ।
इस बारे में जब श्रीमती सावित्री मिश्रा शिक्षण संस्थान तपकरा (मुख्य्मंत्री कौशल विकास योजना)के असिस्टेंड डायरेक्टर सरोज सिंह से जब बात चीत की गई तो उन्होंने बताया कि बोर्ड क्यों नहीं हटाया गया उन्हें नही पता इसकी जवाबदारी डायरेक्टर की होती है । वहीं इस संस्थान को लेकर असिस्टेंड डायरेक्टर ने एक बड़ा खुलासा यह भी किया कि अभी अगस्त महीने में यहाँ से 20 लड़को को फायर सेफ्टी ट्रेनिंग के बाद सभी को हैदराबाद में प्लेसमेंट दिया गया है जबकि कहा यह गया था कि ट्रेंड युवको को छत्तीसगढ़ के भीतर ही प्लेसमेंट दिया जाय । चूंकि ट्रेंड युवको को छत्तीसगढ़ के भीतर ही प्लेसमेंट देना था इसलिए हैदराबाद भेजे गए किसी भी छात्र का पुलिस वेरिफिकेशन नही दिया गया है ।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के भीतर प्लेसमेंट देने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन अगर हम स्टूडेंट को दूसरे राज्यों में प्लेसमेंट देते हैं तो पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी हो जाता है ताकि बाहर के राज्यों में गए छात्रों का शासन और पूलिस के पास रिकार्ड रहे लेकिन् ऐसा नही हुआ उन्हें बगैर पुलिस वेरिफिकेशन के ही हैदराबाद भेज दिया गया।
इस सम्बंध में जब मुख्य्मंत्री कौशल विकास प्राधिककरण के जिले के बड़े अधिकारी प्रकाश यादव से दूरभाष पर जानकारी चाही गयी तो उन्होंने संस्थान में तालाबंद होने का पहला कारण वही बताया कि जो संस्था के डायरेक्टर सुशील मिश्रा ने बताया ।उन्होने भी बताया कि प्राइवेट सेक्टर को वर्क आर्डर नही दिया जा रहा इस वजह से जिले में संचालित लगभग सभी संस्थाएं बंद हो गयी हैं
लेकिन अभी तक संस्था से बोर्ड क्यों नही हटाया गया इस सवाल पर उनका कहना है कि संस्था के डायरेक्टर का निजी मामला है । बीते अगस्त माह में यहाँ से हैदराबाद भेजे गए 20 छात्रों का पूलिस वेरिफिकेशन नहीं कराए जाने के सवाल पर उन्होंने संस्था की गलती माना और कहा कि इसके लिए संस्था के डायरेक्टर को बोला जाएगा और छात्रों के वेरिफिकेशन करवाये जाएंगे ।उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन को जरूरी बताया है।
आपको बता दें कि बीते मार्च महिने में यह संस्था तब पहली बार विवाद में आया घा जब संस्था की असिस्टेंड डायरेक्टर ने संस्था के संचालक सुशील मिश्रा के खिलाफ़ सेलरी मांगे जाने पर मारपीट का आरोप लगाते हुए तपकरा थाने में संस्था के डायरेक्टर सुशील मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था ।
RELATED ARTICLES
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
Recent Posts
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
- सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
- मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
- सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
- मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म