November 22, 2024
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रायपुर : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा । न्याय दिलाने पत्र लिखा । लिखा है कि

प्रतिष्ठा में,
श्रीमान भूपेश बघेल जी
माननीय मुख्यमंत्री : छत्तीसगढ़ शासन
रायपुर (छत्तीसगढ़)

प्रकरण-संदर्भ :
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी न्याय से वंचित आदिवासी महिला को डरा-धमकाकर आरोपी द्वारा प्रकरण वापसी के लिए मज़बूर किए जाने के संबंध में।*l

माननीय मुख्यमंत्री महोदय, सादर अभिवादन!

प्रदेश में आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ लगातार हो रहे अन्याय की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कर उन्हें पूर्ण न्याय दिलाने की पहल सरकार की तरफ़ से हो, इस पत्र को आपकी सेवा में प्रस्तुत करने का यही हेतु है। प्रदेश में सहज-सरल स्वभाव के आदिवासियों के साथ रसूख़दार लोगों द्वारा राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण में हर स्तर पर अन्याय किया जा रहा है, प्रदेश सरकार इसे गंभीरता से लेकर अन्याय के हर स्तर पर प्रामाणिकता के साथ परिमार्जन की ईमानदार पहल करेगी, ऐसा मेरा व प्रदेश के लाखों अन्याय पीड़ित आदिवासियों का विश्वास है।

महोदय, आपके विदित ही होगा कि प्रदेश के रायगढ़ ज़िले की धरमजयगढ़ तहसील अन्तर्गत आने वाले छोटे-से गांव खम्हार में रहने वाली चारमती नामक आदिवासी महिला की ज़मीन को धरमजयगढ़ के आयुर्वेद डॉ. ख़ुर्शीद खान और उसके भाई नूरुल्लाह और अमीरुल्लाह ने अपने नौकर मृणाल मल्लिक को उक्त आदिवासी महिला का मुख़्त्यार बनाकर पूरी ज़मीन अपने नाम पर लिखा ली है। इस फ़र्जीवाड़े की रिपोर्ट करने पर पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से साफ़ इंक़ार कर दिया। इसके बाद विशेष सत्र न्यायाधीश (रायगढ़) के न्यायालय में परिवाद पत्र पेश किया, जिसकी सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने आजाक थाना रायगढ़ पुलिस को आरोपियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का आदेश दिया।
महोदय, न्यायालय का आदेश होने पर पुलिस ने डॉ. ख़ुर्शीद खान, अमीरुल्लाह, नूरुल्लाह और मृणाल मल्लिक के विरुद्ध भादंवि की धारा 420, 120बी, 294, 506 भादंवि एवं धारा 3(1) (अ),1(ग) एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया, परंतु आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किया। डॉ. खान की अग्रिम जमानत याचिका सेशन कार्ट से और हाईकोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है एवं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच ने भी उसकी अपील ख़ारिज कर दी है, लेकिन इस बात की पुष्ट जानकारी मिली है कि पुलिस की उदासीनता और संरक्षण के कारण आरोपी डॉ. खान खुलेआम घूम रहा है और आदिवासी महिला को डरा-धमकाकर प्रकरण वापस लेने के लिए मज़बूर कर रहा है।
महोदय, इस पूरे मामले में पुलिस केवल मूकदर्शक बनी बैठी है और डॉ. खुर्शीद खान को अभी भी गिरफ़्तार करने से इंक़ार कर रही है। थक-हारकर आदिवासी महिला चारमती ने देश के प्रधानमंत्री मा. श्री नरेंद्र मोदी जी को हाईकोर्ट के आदेश की नकल संलग्न करके यह ग़ुहार लगाई है कि धोखेबाज डॉक्टर को तत्काल गिरफ़्तार कराया जाए एवं उसे न्याय दिलाया जाए। उल्लेखनीय है कि डॉ. खुर्शीद खान की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंक़ार करते हुए उसकी समस्त याचिकाएँ खारिज कर दी हैं।
महोदय, आदिवासियों के प्रति पूरी संवेदना के साथ उनके हितों की रक्षा का वादा करके आपकी पार्टी सत्ता में आई है, लेकिन कतिपय तत्व राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण हासिल करके आदिवासियों की ज़मीन हड़प कर रहे हैं और भोले-भाले आदिवासी न्याय पाने के लिए दर-ब-दर की ठोकरें खाने को मज़बूर किए जा रहे हैं। यह स्थिति कांग्रेस व प्रदेश सरकार के कथन पर प्रश्नचिह्न लगाती है। महोदय, मैं विश्वास करता हूँ कि मेरे इस पत्र के परिप्रेक्ष्य में आप अपने प्रशासनिक अधिकारियों को उक्त आदिवासी महिला चारमती को न्याय प्राप्ति में सहयोग करने के लिए निर्देशित करेंगे।

धन्यवाद सहित,

आपकी सार्थक व न्यायपूर्ण पहल की प्रत्याशा के साथ
आपका

(विष्णुदेव साय)
अध्यक्ष : भारतीय जनता पार्टी
छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई
*रायपुर (छत्तीसगढ़)*

HNS24 NEWS

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