November 22, 2024
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पारस राठौर : चेन्नई. मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने चुने हुए लोगों का जमीन हथियाने में शामिल होना लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है. कोर्ट ने कहा है कि ग्रमीण और शहरी इलाकों में इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए. उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था पंचायत अध्यक्ष और कुछ वार्ड सदस्यों ने सत्ता और बाहुबल से जनता के पैसे को लूटा और सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है.

High Court ने कहा, ‘ऐसे जमीन हथियाना खतरनाक ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी खतरा है. यही एक कारण है कि संवैधानिक अदालतों ने बार-बार कहा है कि गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने नहीं दिया जाए.’ कोर्ट ने कहा कि अगर चुने हुए व्यक्तियों की तरफ से ऐसी अवैध गतिविधियां की जाती हैं, तो उनके खिलाफ निर्दयता के साथ मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

कोर्ट के आदेश में कहा गया है, ‘जब इस तरह की ताकतों का गलत इस्तेमाल होता है, तो वे लोगों की इच्छा के खिलाफ काम कर रहे होते हैं. ऐसे में बगैर देरी किए कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.’ जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक दलों या सत्ताधारी लोगों के खिलाफ जमीन हथियाने की शिकायतें बड़े स्तर पर हैं. इनका पता अधिकारी नहीं, स्थानीय लोगों की तरफ से लगाया जाता है.

HNS24 NEWS

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