November 22, 2024
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रायपुर 22 सितंबर 2021/ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण अनीता रावटे, शशिकांता राठौर एवं अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।

आज सुनवाई के दौरान एक सम्पत्ति विवाद के प्रकरण में आवेदिका ने स्वयं से स्वीकार किया कि सरकारी जमीन पर उसने कब्जा कर रखा है। अनावेदक के पास जमीन के बैनामा कागजात है।सीमांकन प्रक्रिया तथा अवैध रूप से कब्जा हटाने की प्रक्रिया तहसील कार्यालय और निगम कार्यालय में चल रही हैं। सुनवाई के पश्चात यह प्रकरण आयोग के अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाने के कारण अध्यक्ष डॉ नायक ने नस्तीबद्ध करने के निर्देश दिए।इसी तरह एक अन्य प्रकरण में अनावेदक के विरुद्ध पुलिस थाने में एफ.आई.आर.दर्ज हो जाने से प्रकरण को नस्तीबद्ध करने कहा।

एक अन्य प्रकरण में पत्नी ने पति के खिलाफ स्वयं तथा अपने तीनो बच्चे के साथ मारपीट करने की शिकायत आयोग में की थी। बच्चों की भविष्य को देखते हुए आयोग द्वारा पति-पत्नी को समझाइश दिया गया।पत्नी और बच्चों को पति के नए मकान में रखने पति को निर्देशित किया गया।बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च का पति वहन करेगा। इसके साथ ही पत्नी को 2 हज़ार रुपये प्रतिमाह पति द्वारा देने पर सहमति ब्यक्त किया।अध्यक्ष डॉ नायक ने प्रकरण को 6 माह की निगरानी आयोग द्वारा किये जाने की बात कही। इसके पश्चात ही प्रकरण को निराकृत किया जाएगा।

एक अन्य प्रकरण में पत्नी, पति से अलग अपने मायके में रह रही है। विवाह को अभी 9 माह हुये है और पति-पत्नी 9 महीने से अलग रह रहे हैं और आपसी सहमति से पति-पत्नी तलाक लेने के लिए तैयार है। इस प्रकरण में आयोग की ओर से आगामी सुनवाई में निराकरण करने के निर्देश दिए गए।

एक अन्य प्रकरण में शासकीय सेवक से विवाह करने वाली महिलाओं को शासकीय सेवा पुस्तिका में अपना दर्ज कराना चाहिये। अन्यथा शासकीय सेवक की मृत्यु के बाद इस तरह की परेषानियों का सामना करना पड़ता है। मृतक सरकारी नौकरी में था और पहली पत्नी को तलाक दिये बिना दूसरी शादी कर रखा था। शासकीय अभिलेख में पहली पत्नी का नाम दर्ज था जो महज 7 साल तक थी और दूसरी पत्नी 27 साल तक और मृत्यु तक साथ में थी। ईलाज के खर्चें भी उसने वहन किये थे लेकिन समस्त शासकीय जमा राषि और पेंषन प्रथम पत्नी को मिल गया जिसे पाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। क्योंकि मृतक ने शासकीय अभिलेख में दूसरी पत्नी का नाम जोड़ने बाबत् आवेदन दिया था। इस सम्पूर्ण मामले में उभय पक्षों ने सहमति का कार्य निकालने के लिये समय की मांग किया।
जिनमे महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीड़न से संबंधित 20 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए। जिनमे 5 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया है।

HNS24 NEWS

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