November 22, 2024
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल

रायपुर, 13 सितम्बर 2021/ मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की पहल पर मंत्रिपरिषद द्वारा कोण्डागांव जिले के मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित को इथेनाल संयंत्र की स्थापना एवं उत्पादन की मंजूरी दी गई है। मक्का आधारित 80 केएलपीडी क्षमता के इस संयत्र का निर्माण कुल 135.98 करोड़ लागत से किया जायेगा। इस प्लांट में प्रतिवर्ष 63 हजार 600 मीट्रिक टन मक्के का उपयोग इथेनॉल निर्माण में किया जाएगा। कोण्डागांव में कृषकों द्वारा रबी एवं खरीफ दोनों ही मौसमों में कुल 2 लाख 59 हजार 750 मीट्रिक टन मक्के का उत्पादन किया जाता है, जिसमें रबी सीजन में एक लाख 43 हजार 709 मीट्रिक टन एवं खरीफ सीजन में एक लाख 16 हजार 041 मीट्रिक टन मक्के का उत्पादन किया जाता है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषकों की मांग और कोण्डागांव जिले में मक्के के क्षेत्राच्छादन तथा उत्पादन को ध्यान में रखते हुए 02 जनवरी 2019 को कोण्डागांव प्रवास के दौरान जिले में मक्का प्रसंस्करण यूनिट स्थापना की घोषणा की थी, जिसका भूमिपूजन एवं शिलान्यास सांसद राहुल गांधी द्वारा बस्तर प्रवास के दौरान 16 फरवरी 2019 को किया गया था। इस प्लांट की स्थापना से क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा और मक्का उत्पादक किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्के का क्रय कर नियमित समय में भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा। इससे क्षेत्र के 124 ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार के साथ-साथ 65 हजार कृषकों एवं आस-पास के ग्रामीणों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा इथेनॉल ब्लैंडेड पेट्रोल कार्यक्रम के तहत् प्रथम बार मक्के से इथेनॉल निर्माण को सम्मिलित करते हुए ब्याज अनुदान की पात्रता सूची में इसे सम्मिलित किया गया है एवं केन्द्र सरकार द्वारा मक्का आधारित इथेनॉल की दर 51.55 रुपये प्रतिलीटर घोषित की गई है। इथेनॉल के उत्पादन से इसका विक्रय सीधे तौर पर पेट्रोलियम विक्रय करने वाली कम्पनियों को सीधे पेट्रोल के साथ प्रयोग हेतु इथेनॉल भेजा जायेगा। इसके लिये कम्पनियों द्वारा स्वयं यातायात खर्च वहन किये जाने से यातायात खर्च भी बचेगा एवं कम्पनियों द्वारा 21 दिनों में उत्पाद के भुगतान से किसानों को अपनी मेहनत का फल जल्द प्राप्त होगा। कम्पनी द्वारा भी पांच वर्षों में 87 करोड़ से अधिक का लाभ अर्जित किया जायेगा।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT