November 22, 2024
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल की आड़ में सीमेंट की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैए पर जमकर निशाना साधा है। मूणत ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले में दख़ल न देकर सीमेंट कंपनियों को मनमानी करने की छूट दे रही है और इसका सबसे ज़्यादा ख़ामियाजा निर्माण करा रहे या निर्माण कराने की सोच रहे आम मध्यमवर्गीय लोगों को उठाना पड़ेगा।

भाजपा प्रवक्ता मूणत ने कहा कि अभी जबकि मॉनसून के चलते निर्माण कार्यों की रफ़्तार थमी हुई है और इसके चलते सीमेंट की मांग कम हो गई है, ऐसे समय में सीमेंट की क़ीमतों में बेतहाशा इज़ाफ़ा करने का क्या यह साफ़ संकेत नहीं है कि प्रदेश सीमेंट कंपनियों को मनमानी करने की बेजा छूट दे रही है? उन्होंने कहा कि अभी हाल ही असम विधानसभा चुनाव के समय नॉन ट्रेड सीमेंट की क़ीमत 210 रुपए और ट्रेड सीमेंट की क़ीमत 240 रुपए थी। उस समय जब ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल की तब उनका मालभाड़ा प्रति बैग लगभग ढाई रुपए बढ़ाया गया था, लेकिन सीमेंट कंपनियों ने इसकी आड़ में प्रति बैग सीमेंट की क़ीमतों में सीधे 40 रुपए का इज़ाफ़ा कर दिया।

मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मौज़ूदा राजनीतिक अस्थिरता और उत्तरप्रदेश में विधानसभा के होने वाले चुनाव के मद्देनज़र ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल कराकर उसकी आड़ में सीमेंट की प्रति बैग क़ीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी करके सीमेंट कंपनियों की मनमानी को नज़रंदाज़ करने का काम प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने सवाल पूछा कि कहीं कांग्रेस इस बहाने सीमेंट कंपनियों से चंदे के तौर पर मोटी रकम वसूल करके उत्तरप्रदेश में उसी तरह बहाने की फ़िराक़ में तो नहीं है, जैसा उसने असम चुनाव में प्रदेश के तमाम संसाधनों को झोंककर प्रदेश को कंगाली के मुहाने पर ला पटका था?
मूणत ने प्रदेश की जनता को संकट में डालकर चुनावी राजनीति के कांग्रेसी हथकंडों को निंदनीय बताते हुए प्रदेश सरकार से सीमेंट कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है, जिन्होंने सीमेंट की क़ीमतों को प्रति बैग 300 रुपए के पार पहुँचाने का मनमाना फ़ैसला कर लिया है।

HNS24 NEWS

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