रायपुर – परित्राणाय साधुनाम, गीता के इस सूत्र वाक्य को सार्थक कर रही है गरियाबंद पुलिस। गरियाबंद पुलिस एसपी भोजराम पटेल के नेतृत्व में सार्थक पहल कर रहा है। उनके द्वारा विभिन्न थानों में लागू किए गए अवधारणा ‘‘छईयां’’ से लोग पुलिस के और अधिक करीब आ रहे हैं और लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक बढ़ता जा रहा है। वे अपनी बात सहजता से पुलिस के समक्ष रख रहे हैं। उन्हें एक सुकून मिल रहा है, जो किसी फरियादी का व्यवस्था में विश्वास बढ़ाता है। पुलिस के प्रति एक उसे लगता है कि वो ऐसी जगह आया है जहाँ उसकी तकलीफ सुनी जाएगी। गरियाबंद में हर थाने में छइहाँ बनाये गए हैं। छइहाँ शब्द सुनते ही हर छत्तीसगढ़ी को एक सुकून भरी जगह का एहसास होता है। थाने में उसके लिए ऐसी सुकून से भरी जगह बनाई गई है। जहाँ वो बैठे,अपनी समस्या रखे। इत्मीनान से अपनी बात रखें। यह नवाचार छत्तीसगढ़ की ग्रामीण पृष्ठभूमि से आये माटी पुत्र एसपी भोजराज पटेल ने किया। उन्होंने ऐसा महसूस किया कि थाना ऐसी जगह नहीं होनी चाहिए जहाँ जाने पर कोई हिचके, यह ऐसी जगह होनी चाहिए जहाँ नागरिक एक विश्वास के साथ आए और निर्भय भाव होकर लौटे। इसके लिए थाने का माहौल भी बदलना आवश्यक होता है, यही श्री पटेल ने किया। थाने के माहौल को बदलने के साथ ही फरियादी के साथ ट्रीटमेंट भी। पुलिस वालों को समझाया गया कि कैसे कोई फरियादी बड़ी पीड़ित मानसिक अवस्था में आता है और उसे कैसे रिलेक्स करना है। छइहां को सफलता मिल रही है। बुजुर्ग कहते हैं कि एसपी तो बहुत बड़े अधिकारी होते हैं लेकिन साहब ने मुझसे पिता की तरह इज्जत से बात की। मुझे यकीन ही नहीं था कि वर्दी के साथ रहने वाला कोई इतनी धीरज से बात कर सकता है।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित इलाके के गरियाबंद जिले में पुलिस प्रशासन पुलिस की परंपरागत छवि को बदलने के लिए निरंतर प्रयासरत है। एस.पी. भोजराम पटेल की पहल से वहां की जनता पुलिस के और करीब आ रही है। एस.पी. पटेल ने जनता की तकलीफों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रतीक्षा गृह बनवाया है, जिसे छईहां नाम दिया गया है। पहले पुलिस थानों में जनता को अपेक्षाकृत कम सुविधा थी। मगर अब छईंया के बनने के बाद आमजन वहां पहुंच रहे हैं और छईहां में बैठकर अपनी बारी के आने तक आराम करते हैं और पुलिस अधिकारी से मिलकर अपनी समस्याओं को रख रहे हैं। इससे जनता के मध्य पुलिस का विश्वास निरंतर बढ़ते जा रहा है और शायद यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में अपराध के प्रकरणों का तेजी से निपटारा हो रहा है, खुफिया तंत्र मजबूत हुए हैं, जिसके फलस्वरूप हीरा तस्करी के कई बड़े अपराधी पकड़ में आए हैं।
पुलिस अधीक्षक पटेल मूलतः ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुकात रखते हैं जैसे ही उन्होंने गरियाबंद एसपी का कार्यभार संभाला, सभी थाने का दौरा किया साथ ही उन्होंने आम जनता से भी मुलाकात शुरू की। उनकी तकलीफों को समझा। समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और सामान्य लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने अनुभव किया कि पुलिस प्रशासन अपना द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है परंतु किन्ही कारणों से जनता और पुलिस के मध्य थोड़ी बहुत दूरी भी बन जाती है। इसके लिए उन्होंने छईहां की संकल्पना दी और सभी थानों में प्रतीक्षा गृह का निर्माण कराया। यह प्रतिक्षा गृह हवादार है, धूप और बरसात से सुरक्षा देता है। वहां बैठने की अच्छी सुविधा मुहैया कराई गई, स्वच्छ पेयजल तथा शौचालय का इंतजाम कराया ताकि वहां आकर आम जनता सुकून से बैठ सके। यदि कोई दूसरा व्यक्ति थाना प्रभारी के मध्य अपनी बात रख रहा है तब तक वह इंतजार कर सके। पुलिस अधीक्षक पटेल की इस पहल से जनता के मध्य सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ है और वह बिना भय के निःसंकोच अपनी बात रख रहे हैं। आम जनता पुलिस अधीक्षक पटेल को धन्यवाद दे रही है।
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