November 22, 2024
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*अरुण गुप्ता सीधी मध्य प्रदेश +916264644793*

बीते वर्ष चुरहट स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स अंजना मर्सकोले ने फर्जी एसटीएससी केस डॉक्टर शिवम मिश्रा पर दर्ज कराया था जहां डॉक्टर ने आत्मघाती कदम उठाते हुए आत्महत्या कर लिया था इस मामले पर अभी डॉक्टर को न्याय भी नहीं मिल पाया था कि दूसरा मामला सामने आ गया है। आरोपों की माने तो रामपुर नैकिन स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नेत्र सहायक अश्वनी कुमार द्विवेदी के सह पर स्टाफ नर्स देवरती विश्वकर्मा ने भी सीएमएचओ एवं बीएमओ को फंसाने के लिए पूरी साजिश 12 मार्च के बाद रच डाली थी लेकिन बीच में भंडाफोड़ हुआ और रीवा से बीते शुक्रवार को दोपहर 1:00 बजे के लगभग जांच टीम पहुंची लेकिन आरोपी नर्स जांच टीम के आने की सूचना प्राप्त होते ही फरार हो गई।

*यह है पूरा मामला*
प्रदेशभर में कोरोना का साया मडराते ही कलेक्टर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड़ पर आ गया था जहां मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बीएल मिश्रा के द्वारा स्टॉफ़ नर्स तथा डॉक्टरों को को कोरोना काल को दृष्टिगत रखते हुए ग्रामीण अंचलों में भी अपनी सेवा देने के लिए आदेशित किया था। बताया गया कि कोरोनाकाल को दृष्टिगत को रखते हुए स्टाफ नर्स देवरती विश्वकर्मा को 12 मार्च को सीएमएचओ के द्वारा धनहा में कार्य करने के लिए आदेशित किया था। लेकिन स्टाफ नर्स के द्वारा वहां कार्य नहीं करने को लेकर बीएमओ के ऊपर यह कहकर दबाव बनाने लगी की हम वरिष्ठ आप्थाल्मिक है और मेरी ड्यूटी शहर में लगाईये वहीं स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस तरह का कोई पद स्टाफ नर्स में नहीं होता है वहीं आरोपी नर्स ड्यूटी में नहीं जाती थी। जहां अधिकारियों के द्वारा स्टाफ नर्स का वेतन रोक दिया गया है आरोप है कि नेत्र सहायक अश्वनी कुमार द्विवेदी यह कह कर स्टाफ नर्स देवरती विश्वकर्मा को बढ़ावा देने लगा कि आप इनके ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगा दो और सीएम हेल्पलाइन कर दो। जहां आरोपी नर्स तथा नेत्र सहायक ने षड्यंत्र रचते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा रामपुर नैकिन बीएमओ को फ़साने के लिए पूरी षड्यंत्र रच डाली आरोपी नर्स के द्वारा सीएम हेल्पलाइन करते ही मामले का भंडाफोड़ हो गया। और जांच करने के लिए रीवा से स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएमएचओ ऑफिस पहुंच गई जहां आरोपी नर्स को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गई।

*एक ही स्थान पर बर्षो से जमे रहने से बनते हैं ऐसे हालात*

उल्लेखनीय है कि ऐसे कर्मचारी एक ही जगह पर वर्षों से जमे रहते हैं जहां उनकी पकड़ छुटपुटिया नेताओं से हो जाती है यह मामला भी ऐसा ही नजर आता है जहां नेत्र सहायक अश्वनी कुमार द्विवेदी 20 से 25 सालों तक सीधी जिले में ही जमे हुए हैं। जहां अपने आप को किसी कलेक्टर से कम नहीं समझते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि डॉक्टर शिवम मिश्रा हत्याकांड मामले में आरोपी नर्स अंजना मार्सकोले को भी नेत्र सहायक अश्वनी कुमार द्विवेदी ने ही बढ़ावा दिया था लेकिन छुटपुटिया नेताओं के दम पर यह बचता चला आया। अधिकारियों के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि डॉक्टर शिवम मिश्रा हत्याकांड में भी नेत्र सहायक अश्वनी कुमार द्विवेदी का बहुत बड़ा योगदान था लेकिन जांच टीम में यह साहब बच निकले जहां आप दूसरा षड्यंत्र रचने लगे और बीच में ही भंडाफोड़ हो गया।

*ये रहे जाँच टीम में शामिल*

आरोपी नर्स के द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता जानने के लिए क्षेत्रीय संचालक जांच का आदेश दिया था जहां जांच टीम में रीवा में पदस्थ डॉक्टर के पी गुप्ता डॉ शकुंतला पांडे स्त्री रोग विशेषज्ञ रीवा तथा शशांक मिश्रा समेत कई अधिकारी शामिल रहे।

HNS24 NEWS

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