ब्रेकिंग …GST का 13सौ33 करोड़ों केंद्र सरकार से मिला और बाकी हमारा राजस्व डूब गया : मंत्री टी.एस. सिंहदेव
HNS24 NEWS May 30, 2021 0 COMMENTSचित्रा पटेल : रायपुर: वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जीएसटी को लेकर कहा जीएसटी काउंसिल की बैठक में सिक्किम ने यह बात उठाया था कि हमारे यहां कोरोना के खर्चे, पैसे का बहुत अभाव है और तुलनात्मक उत्तर पूर्वी राज्य जो छोटे राज्य माने जाते हैं इनके संसाधन राजस्व के नहीं के बराबर है।
सिक्किम की तरफ से यह प्रपोजल रखा गया था कि हम 1% शेष लगाने की अनुमति चाह रहे हैं, तो इसमें सभी का कहना था कि केरल में जब से सेस लगाने की अनुमति मिली थी तो उस समय केरल में भीषण बाढ़ की स्थिति थी ऐसे परिस्थिति में 2 साल के लिए सेस लगाने की अनुमति जीएसटी काउंसलिंग ने दी थी। कोरोना के नाम से जब एक राज्य में देते हैं अनुमति तो हर राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति एक जैसा है, तो फिर 1% सेस हर राज्य में लागू होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में सरकार के पास पैसे नहीं है अगर अन्य राज्य में एक परसेंट सेस लागू होगा तो छत्तीसगढ़ में भी लागू होगा पर यह बीt चर्चा का विषय था बैठक में।
छत्तीसगढ़ की राजस्व की आवक को लेकर बोले मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा पिछले साल की जीएसटी की बात करें तो हमको 1333 करोड रुपए मिला था सीधा-सीधा आधा, जो छत्तीसगढ़ को मिलना चाहिए था उसका आधा मिला।
2हजार6 सौ 66 करोड़ सेस था इसमें 13सौ33 करोड़ों केंद्र सरकार के माध्यम से मिला और बाकी हमारा राजस्व डूब गया,जबकि 14% प्रोटेक्ट रेवेन्यू की बात है इस साल प्रोटेक्टिक रेवेन्यू 16 हजार करोड़ गई है और इसमें आमदनी ज्यादा होती है तो ऐसा हमारा अनुमान है। पिछले साल से आमदनी अगर ज्यादा होती है तो हमारा शॉट पुट होगा 220 करोड़ लगभग 5 साल से कम होगा अर्थात 2400 सौ करोड़ होगा। 2400 सौ करोड़ में छत्तीसगढ़ को कंपनसेशन सेस है जो 14% मिलना चाहिए वह राशि छत्तीसगढ़ को मिलना चाहिए। इसी पर जीएसटी काउंसलिंग में निर्णय हुआ कि क्या 5 साल के लिए और जीएसटी एजीम है जो जून 30 2022 को खत्म हो जाएगा इसको और बढ़ाना चाहिए क्या ? परिकल्पना ही आती तो यह थी राज्य स्वालंबी हो जाएगी अर्थव्यवस्था में इतनी बढ़ोतरी होगी कि इनकम अपने आप बढ़ जाएगी।
सिंहदेव ने कोरोना नियंत्रण और इसके इलाज में उपयोग होने वाले दवाईयों, मेडिकल समानों और उपकरणों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने राज्यों को अपना राजस्व बढ़ाने जीएसटी पर एक प्रतिशत सेस लगाने की अनुमति प्रदान करने की मांग रखी। उन्होंने व्यवसाईयों के लिए तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान व्यवस्था को ही आगे भी जारी रखने कहा