मानवता की मिसाल……धरती के भगवान ने छोड़ा परिवार..18 घंटे दे रहे अस्पताल में सेवाएं
HNS24 NEWS May 7, 2021 0 COMMENTSसीधी : MP : आमतौर पर स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टरों के बारे में अच्छी खबर बहुत कम ही आती है अधिकतम आपने सुना है कि डॉक्टर के द्वारा मरीजों तथा परिजनों के साथ बदसलूकी की गई है लेकिन सीधी में डॉक्टर अविनाश जान ने मानवता की मिसाल कायम किये है धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉ अविनाश जान ने कोरोना से संक्रमित मरीजों की सेवा के लिए अपना घर परिवार छोड़ दिया है। वही 18 घंटे की सेवा मरीजों के लिए दे रहे हैं। वही जिला चिकित्सालय में पदस्थ कोविड आईसीयू, सीसीयू बार्ड आईसीयू वार्ड आई वार्ड डीसीएसी तथा सीसीसी में 18 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं।
*कोरोना के माने जाते हैं स्पेशलिस्ट*
जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ अविनाश जान कोरोना के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं वहीं जिले के ग्रामीण अंचलों से आने वाले अधिकतम मरीज डॉ अविनाश जान से ही अपनी उपचार करवाने में ही विश्वास रखते हैं ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज भी डॉक्टर जान से उपचार करवाने हेतु इनका इंतजार किया करते हैं। वही स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ से लेकर आम जनता तक इनको कोरोना स्पेशलिस्ट मानती हैं। बातचीत करते हुए डॉ अविनाश जॉन ने कहा कि जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर हमने यह फैसला लिया की एक डॉक्टर होने के नाते एक एक जिंदगियां बचाना हमारा पहला कर्तव्य है। जिसके लिए परिवार को पहले अलग करना होगा। उन्होंने आम जनता से भी अपील करते हुए कहा कि जिले में आपातकाल जैसी स्थितियां कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न हो गई है इसलिए जिले की जनता इस संक्रमण को रोकने के लिए सहयोग करें उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन करें तथा अपने घरों के अंदर ही रहे धरती के इस भगवान ने बताया कि जिले के ग्रामीण अंचलों में भी अगर किसी भी तरह की सर्दी खांसी जुखाम है बुखार की शिकायत आती है तो तत्काल हमसे संपर्क कर समय पर उपचार कराएं।
*अस्पताल को ही बनाया घर*
डॉ अविनाश जॉन सुबह 8:00 बजे अस्पताल आते हैं जहां आई वार्ड से लेकर कोविड-19 आईसीयू तक के मरीजों को पहले देखते हैं इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों से आए मरीजों को उपचार करते हैं बड़ी बात यह है कि इनके द्वारा किसी भी मरीज से किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाती है वही रात में 12:00 बजे तक वापस कमरे जाते हैं बताया गया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण परिवार अलग होने के कारण खाना भी अस्पताल में ही खाया करते हैं। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर श्री जान की जैसे अगर दो से तीन डॉक्टर जिला चिकित्सालय में आ गए तो बदहाल व्यवस्था पटरी पर आ सकती है वही डॉ अविनाश जान के मानवता का मिसाल कायम किया है जहां जिले की जनता इनको सलाम करती है।
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