आज की इस बजट से यह स्पष्ट हो गया है कि महंगाई अब और अधिक आग उगलने वाली है
HNS24 NEWS February 1, 2021 0 COMMENTSरायपुर/01 फरवरी 2021। कोरोना काल के बाद पहले आम बजट 2021 से महिलाओं को काफी उम्मीदे थी। महिलाएँ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का ये कहना कि कोरोना काल में गैस सिलेंडर मुफ़्त में दिया गया है सफेद हाथी की तरह नज़र आता है ना कभी सफेद हाथी दिखता है ना ही जनता को कोरोना काल में मुफ़्त का सिलेंडर ही नज़र आया। वित्तमंत्री की तरफ आशा की निगाह से टकटकी लगाये जनता देख ही रही थी, लेकिन हाथ केवल निराशा ही आयी। राज्यसभा सांसद एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती फूलों देवी नेताम ने केन्द्र के इस बजट को निराशा का बजट कहा .भारत की बहुत सी आर्थिक समस्याओं में महंगाई की समस्या एक मुख्य समस्या है। केन्द्र सरकार की गलत नीति के कारण महंगाई की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। आज के इस बजट से यह स्पष्ट हो गया है कि महंगाई अब और अधिक आग उगलने वाली है। महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा पर इस बजट में कुछ भी विशेष नहीं है।
राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलों देवी नेताम ने कहा कि पिछले साल जिस तरह से लोगों को वैश्विक बीमारी कोरोना ने बुरी तरह प्रभावित किया, अब उससे उबरने के लिए बजट में कुछ राहत की बजाय लोगों के उम्मीदें और टूट गई हैं दैनिक जीवन के आवश्यक वस्तुओं के कीमतों के बेतहाशा दामों में कोई भी कमी नहीं हुई है।
यूरिया महंगा होने से किसानों का बजट असंतुलित हो जायेगा। पहले ही तीन काले कानून से किसान परेशान थे। बढ़ती महंगाई, घटते रोजगार से सभी परेशान है बढती महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं।
केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि कर एक बार फिर ये साबित कर दिया कि ये सरकार लूट खसोट और आम आदमी के घरों में डाका डालने वाली और जेब काटने वाली सरकार है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल और उसके चार्जर मध्यम वर्गीय व्यक्ति के उपयोग में आने वाला सामान है उसके मूल्य में वृद्धि का कोई औचित्य ही नहीं है। इसी प्रकार सूती कपड़ों के मूल्य में वृद्धि कर केंद्र सरकार क्या संदेश देना चाह रही है ये किसी से भी पूछने पर पता चल जायेगा।
राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने कहा कि सेब, चना, दाल, काबुली चना भी महंगा हो गया अर्थात कुछ खाने से पहले उसका मूल्य देखकर निश्चित करना पड़ेगा कि इसको खाने से हमारा बजट तो नहीं गड़बड़ा जायेगा।
इसी प्रकार प्रथम दृष्टया जब ये साबित हो ही चुका है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है इस सरकार ने यूरिया और डीएपी खाद के मूल्यों में बढ़ोत्तरी कर उपरोक्त कथन की पुष्टि कर दी है एवं मुहर भी लगा दी है कि यकीनन मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है।
पेट्रोल और डीज़ल के दामों में तो जैसे पंख ही लग गए हैं वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं लगातार पेट्रोल और डीज़ल के दामों में होती वृद्धि को जनता को मुँह बाए खड़े होकर देखने के अलावा और कुछ कर पाने में अक्षम महसूस कर रही है केन्द्र के इस बजट से हर वर्गों को निराशा हाथ लगी है। यह बजट पूंजीपतियों का बजट है।
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