November 22, 2024
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रायपुर : केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून के खिलाफ देश भर में विरोध जारी है। देश के किसान लगातार इस कानून का विरोध कर रहे हैं, साथ ही इसे किसान विरोधी बताकर वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर पीछले 22 दिन से धरना देकर बैठे हैं। देश की जनता के साथ ही प्रसिद्ध हस्तियां भी किसानों के समर्थन में खड़ी हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान मुख्य तौर पर इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

22 दिनों से चल रहे किसानों के आंदोलन में बुधवार को एक घटना घटित हो गई। कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसानों का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह (65) ने अपने-आप को गोली मार ली। संत ने कथित रूप से किसानों की समस्या और सुनवाई नहीं होने से दुखी होकर खुद को गोली मारी। राम दास दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के साथ धरना दे रहे थे. घटना के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच में पुलिस को उनका एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंनें जुल्म और अन्याय के खिलाफ न झुकने का संकल्प लेने की बात कही है. उनके सेवादार गुरमीत सिंह ने घटना की पुष्टि की है।

जानकारी के अनुसार संत बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। वह गुरुद्वारा साहिब नानकसर सिंघरा गांव में पदासीन थे। बाबा के हरियाणा-पंजाब के अलावा दुनियाभर में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। उनके शव को घटना के बाद अस्पताल की मॉर्चरी में रखवाया गया। जहां उनके अनुयायियों शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया। उनके पार्थिव शरीर को नानकसर गुरुद्वारा सिंघरा ले जाया गया है।

वहीं संत बाबा राम सिंह के अचानक खुद को गोली मार लेने की घटना से आंदोलन स्थल पर हड़कंप मच गया। इसके साथ ही वहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। जिसे देखते हुए प्रशासन की ओर से मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बाबा की मौत के बाद उनके अनुयायी किसानों में आक्रोश है। उनका कहना है कि महाराज जी ने किसानों के लिए बलिदान दिया है। मोदी सरकार को अब तो किसानों की बात सुन लेनी चाहिए।

बता दें कि जांच में पुलिस को मिला सुसाइड नोट पंजाबी भाषा में लिखा है. नोट में लिखा है कि “किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए, सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है। सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है, जो कि जुल्म है। जो जुल्म करता है वह पापी है, जुल्म सहना भी पाप है। किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है। किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है, किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है, यह किसानों के हक के लिए आवाज है। वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह।”

वहीं इस मामले को लेकर सोनीपत के डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी मिली है. करनाल के संत राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उन्हें पानीपत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। फिर, उन्हें करनाल के सिविल अस्पताल में ले जाया गया। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

HNS24 NEWS

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