किसानों की हत्यारी हो चली संवेदनहीन और अन्यायी प्रदेश सरकार तुरंत इस्तीफ़ा दे : भाजपा
HNS24 NEWS December 9, 2020 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राजनांदगाँव ज़िले के घुमका धान ख़रीदी केंद्र में हुई किसान की मौत को लेकर एक बार फिर प्रदेश सरकार को ललकारा है और कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब पूरी तरह एक बड़ी राजनीतिक आपदा बनकर किसानों के जीवन में क़हर बरपाने पर उतारू हो गई है। साय ने प्रदेश सरकार को किसानों की हत्यारी सरकार बताते हुए कहा कि इस संवेदनहीन और अन्यायी सरकार को तुरंत सत्ता से अलग हो जाना चाहिए। प्रदेश में तुग़लक़शाही और घूसखोरी के चलते हताश और निराश किसानों, बेरोज़गार युवकों और ग़रीब-मज़दूरों को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ रहा है और अब राजनांदगाँव के घुमका ख़रीदी केंद्र में तो सरकार और उसके भ्रष्ट तंत्र ने एक किसान को मौत के घाट ही उतार दिया!
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि धान ख़रीदी के नाम पर प्रदेश सरकार के दावों का ज़मीनी सच यही है कि प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष धान बेचने वाले किसानों को ख़ून के आँसू रुलाए थे, लेकिन इस वर्ष तो वह किसानों की जान की दुश्मन बनकर उन्हें या तो ख़ुदकुशी के लिए मज़बूर कर रही है या फिर उसका भ्रष्ट तंत्र किसानों को मौत के मुँह में धकेल रहा है। श्री साय ने पूछा कि धान ख़रीदी केंद्रों में पुख़्ता इंतज़ाम का शोर मचा रहे प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, उनके मंत्री और कांग्रेस के नेता बताएँ कि क्या धान तौलने के लिए घूस मांगने के पुख़्ता इंतज़ाम इन ख़रीदी केंद्रों में किए गए हैं, जहाँ किसानों को इतना प्रताड़ित किया जा रहा है कि बिना पैसे लिए किसानों के धान की तौलाई और ख़रीदी नहीं हो रही है और किसान सदमे से अकाल काल के गाल में जा रहा है। श्री साय ने कहा कि घुमका ख़रीदी केंद्र में पहुँचे गिधवा निवासी किसान करण वल्द टिभन साहू (55) के जिन 23 कट्टा धान को ख़राब बताकर ख़रीदने व तौलने से इंकार किया गया था, किसान की मौत के बाद उसे निर्धारित मापदंडों में सही पाया गया है तो अब प्रदेश सरकार किसान की इस मौत की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेकर प्रदेश के किसानों से बिना शर्त माफ़ी मांगते हुए न केवल इस मामले की जाँच कराने और दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें कड़ी सजा दिलाने के पुख़्ता इंतज़ाम करे, बल्कि अपने निकम्मेपन और किसानों की जान से खिलवाड़ करने के लिए तुरंत सत्ता छोड़े।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रलाप करते हुए भाजपा नेताओं को दोगला बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले अपने राजनीतिक चरित्र पर नज़र डालें क्योंकि गिरदावरी का आदेश उन्होंने ही दिया था और अब अपनी चमड़ी बचाने के लिए वे इसे वापस लेने की घोषणा करके असली दोगलापन तो ख़ुद वे ही प्रदर्शित कर रहे हैं। वनाधिकार पट्टाशुदा आदिवासी किसानों का धान ख़रीदने का ढोल पीटकर अब इन आदिवासी किसानों को धान ख़रीदने से मना कर उन्हें बेरंग लौटाया जाना इस सरकार का दोगलापन है। साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल एक बार फिर प्रदेश के किसानों को भ्रमित करने मंं लगे हैं। अब प्रदेश में किसानों की आत्महत्या और मौत का कलंक धोने की गरज में प्रदेश सरकार अपनी मासूमियत का शर्मनाक प्रदर्शन कर रही है, लेकिन प्रदेश की जनता और किसान अब मुख्यमंत्री के इन झाँसों में नहीं आने वाले हैं। श्री साय ने कहा कि बेरोज़गार युवकों, किसानों और आर्थिक तंगहाली से संत्रस्त ग़रीब-मज़दूरों ने आत्महत्या की तो प्रदेश सरकार उन्हें अपनी प्रशासनिक मशीनरी को झोंककर पागल, नशेड़ी, अवसादग्रस्त बताती रही, पर अब मुख्यमंत्री बताएँ कि घुमका ख़रीदी केंद्र में हुई किसान की मौत के लिए कौन ज़िम्मेदार है? कांग्रेस के बड़बोले छुटभैये नेताओं से बनी निगरानी समितियाँ क्या इसी घूस के पैसों में अपनी हिस्सेदारी के लिए ख़रीदी केंद्रों में जब-तब मंडराती नज़र आती हैं? जिनको कृषि क़ानूनों का क-ख-ग पता नहीं है, वे कृषि क़ानूनों पर झूठ और नफ़रत की सियासत कर केंद्र सरकार को नसीहतें देने का दुस्साहस कर रहे हैं लेकिन अपने राज्य में किसानों की दशा को लेकर उनकी संवेदना को काठ मार जाता है।
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