November 22, 2024
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रायपुर : आए दिन हॉस्पिटलों में इलाज पर  लापरवाही की बात सामने आते रही है। ऐसे ही एक बड़े हॉस्पिटल पर आरोप लगाया गया है।छ ग की राजधानी रायपुर में स्थित एक बड़े हॉस्पिटल पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है यही नहीं पहले तो बिना टेस्ट के मरीज को डिस्चार्ज कर दिया और उसपर झूठा FIR भी दर्ज कर दी। अब पीड़ित ने उनसे 5 करोड़ मुआवजे की मांग की है। इस आशय की नोटिस भी हाईकोर्ट ने संबंधितों को जारी कर दी है।

प्रदेश के बड़े निजी अस्पताल रामकृष्ण रायपुर द्वारा एक विदेशी नागरिक के कोरोना इलाज में लापरवाही बरते जाने पर एक अमेरिकन नागरिक ने हाइकोर्ट की शरण ली है और 5 करोड़ मुआवजे की भी मांग की है। इलाज में लापरवाही को हाईकोर्ट ने गम्भीरता से लिया है और रामकृष्ण केअर अस्पताल, रायपुर को नोटिस भी जारी किया है।

अमेरिकन नागरिक जॉन जोसेफ अग्लियार पिछले साल नवंबर में अमेरिका से भारत आए थे। बाद में कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन की वजह से भारत में रहना पड़ा। हालांकि प्रदेश के महासमुंद में उनकी ससुराल है और इस साल अगस्त में वह अपनी पत्नी मंजरी अग्लियार का वीजा बढ़वाने मुंबई गए थे। यहाँ से वापस जब पत्नी के मायके महासमुंद जिले के सरायपाली पहुंचे तो उन्हें स्वस्थ विभाग ने बताया कि आप कोरोना पोजिटिव हो, हालांकि उन्हें टेस्ट रिपोर्ट नहीं दिखाई।

अपना कोरोना का इलाज कराने वे रामकृष्ण केअर अस्पताल रायपुर चले गए। यहाँ चेकअप करने के बाद इन्हें प्रबंधन ने अपने कोविड सेंटर बेबीलोन होटल में भर्ती करा दिया। वहां पर दो दिन बाद टेस्ट के बाद उन्हें बताया गया कि आप पॉजिटिव हैं पर पत्नी और बच्चा नेगेटिव हैं। दोनों को मरीज की देखभाल के लिए साथ रहने दिया गया। यहाँ रहते हुए अस्पताल प्रबंधन ने टेस्ट रिपोर्ट बताए बिना ही यहाँ से डिस्चार्ज कर दिया। विभाग के प्रभारी डॉक्टर ने एक लाख 80 हजार का बिल तो उन्हें दिया लेकिन कोई रिपोर्ट उन्हें नहीं दी। रिपोर्ट की मांग याचिकाकर्ता द्वारा लगातार किया गया मगर अस्पताल प्रबंधन ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया

दूसरी ओर हॉस्पिटल के मैनेजर ने टाटीबंध थाने में यह रिपोर्ट दर्ज करा दी कि मरीज ने बिल नहीं चुकाया है और कोविड पोजिटिव होते हुए भी घूम-घूमकर कोरोना फैला रहा है। पुलिस ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध धारा 269 व 270 के तहत मामला भी दर्ज कर लिया। इसके बाद पुलिस उनके घर आ गई लेकिन डिस्चार्ज टिकट देखने के बाद वापस लौट गई लेकिन इनके मकान मालिक ने इनको घर से निकाल दिया।

बाद में एम्स रायपुर में भी अपना कोविड टेस्ट कराया जहाँ इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद जॉन ने कलेक्टर ,कमिश्नर,आईजी रायपुर को अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध लिखित शिकायत की। परेशान याचिकाकर्ता ने अस्पताल, होटल प्रबंधन, भारतीय दूतावास अमेरिका आदि को पक्षकार बनाकर एडवोकेट मयंक चंद्राकर के माध्यम से याचिका दायर की है। इसमें रामकृष्ण केअर अस्पताल सहित तमाम प्रतिवादियों से 5 करोड़ के मुआवजा की मांग की गई है।

हाईकोर्ट ने बहस के बाद यह स्वीकार किया है कि कई बड़े अस्पताल कोरोना के नाम पर लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने रामकृष्ण अस्पताल व बेबीलोन होटल को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न आपसे 5 करोड़ का मुआवजा वसूलने की कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट ने इन्हें जवाब देने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है।

HNS24 NEWS

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