November 22, 2024
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल
  • 6:17 pm विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओ.पी. चौधरी
  • 6:12 pm द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखने जायेंगे सीएम
  • 6:08 pm रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

चित्रा पटेल : रायपुर/23 नवम्बर 2020/पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार द्वारा 1 नवंबर से धान खरीदी न करने को लेकर प्रदेश सरकार के उपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों से कम से कम धान खरीदना पड़े इसलिए रोज नए-नए षड़यंत्र रच रही है। सरकार धान खरीदने की व्यवस्था के लिए नहीं बल्कि धान कैसे कम से कम खरीदना पड़े इसके लिए रोज मिटिंग कर रही है। एक सप्ताह बाद पूरे प्रदेश में धान की खरीदी होनी है पर सरकार ने पर्याप्त बारदाने सहित अन्य व्यवस्था अभी तक नहीं किया है। प्रदेश के अनेक समितियों में पिछले धान खरीदी का धान अभी तक नहीं उठाया गया है। अनेक भण्डारण स्थलों पर खराब हो चुके धान भारी तादात में अभी भी रखे हुए है। भण्डारण केन्द्र भरे हुए है, खाली नहीं हुए है। समितियों को पिछले धान खरीदी की व्यवस्था की राशि नहीं दी गई है। किसानों को धान की 2500 रूपये क्विंटल की दर से अभी तक पूरी राशि नहीं दी गई है।

श्री अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा कि भूपेश सरकार 2500 रू. क्विंटल में एक एक धान खरीदी के अपने वादे से मुकर रही है। किसान के धान का पैसा साल-साल भर, घुमा घुमाकर किसानों को दिया जा रहा है। धान की खरीदी कम करना पड़े इसलिए अधिकारियों के माध्यम से किसानों के उपर दबाव बनाकर खेत का रकबा मेड़, पढार, पम्प हाउस के नाम पर कम किया जा रहा है। बार-बार गिदावरी के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा व किसान संगठनों व किसानों ने बार-बार 01 नवम्बर से धान खरीदी चालू करने की मांग की भी किंतु सरकार कम धान खरीदना पड़े करके अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए 1 नवम्बर से धान खरीदी चालू नहीं की, धान खरीदी की तिथि 1 माह बढ़ा दी व किसानो के सामने परेशानी खड़े कर दी है। जिसके चलते अभी हुए बेमौसम बारिस में एक ओर जहां किसानां के कटे हुए धान कोठार में खराब हो गए वहीं अनेक किसानों के धान बारिस के चलते खेत में सो गए है व पानी से खराब हो गए है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार ये सरकार की लापरवाह व्यवस्था ही है। अगर सरकार ने समय रहते तैयारी कर 1 नवम्बर से धान खरीदी चालू कर देती तो बहुत सारे किसान इस आपदा में बच सकते थे। अग्रवाल ने कहा कि धान खरीदी की व्यवस्था के दोषारोपण से बचने के लिए सरकार के मंत्री रोज नए-नए बयान दे रहे हैं। कोई बोरा (बारदाना) का बहाना बना रह है तो कोई व्यवस्था का कुल मिलाकर सरकार धान खरीदी की सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं कर पा रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार के मंत्रीगण रोज नए रोना रो रहे है। कभी बारदाना की कमी बता रहे है तो कभी पैसे का इंतजाम नही होने की बात सामने आ रही है। पूरे प्रदेश में 50 से 60 प्रतिशत धान की कटाई व मिंजाई हो गई है। किसानो के पास भण्डारण की पर्याप्त व्यवस्था नही है क्यो कि पहले किसान सीधे खेत व कोठार से सोसायटी धान पहुँचाते थे। 1 नवम्बर से धान खरीदी न हो पाने के कारण अब किसानो को धान की रखवाली करनी पड़ रही है, किसान बेहाल एवं परेशान है और सरकार धान खरीदी करने रोज नए बहाना तैयार कर रही है।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT