नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध हेतु सर्वदलीय बैठक में शामिल हुई शिवसेना
HNS24 NEWS November 23, 2020 0 COMMENTSरायपुर : नगरनार में स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट के डी-मर्जर और विनिवेशीकरण के फैसले के विरोध में अंचल के हजारों ग्रामीण सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। सभी का कहना है कि स्टील प्लांट को निजी हाथों में बिकने नहीं दिया जाएगा। बैठक में शामिल रहें भू-प्रभावितों ने बताया कि वे लोग भारत सरकार के उपक्रम को उद्योग स्थापित करने अपनी जमीन दिए हुए हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है, जिसे किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार को प्लांट का संचालन करना है तो एनएमडीसी स्वयं प्लांट का संचालन करें इसे निजी हाथों में ना सौंपे। सर्वदलीय बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग मंत्री, स्थानीय सांसद एवं विधायक, सर्व समाज के प्रभावित किसान, विभिन्न श्रमिक संगठन सहित हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए एवं निजी करण का खुलकर विरोध किया। वहीं इस सर्वदलीय बैठक में शिवसेना द्वारा भी एक प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ।
शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह परिहार के निर्देश अनुसार शिवसेना बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता व प्रदेश सचिव सरगिम कवासी, कामगार सेना के प्रदेश सचिव ओंकार नाथ द्विवेदी, युवासेना के प्रदेश सचिव अरुण पांडेय, देवेंद्र शर्मा, गोविंद बघेल व सभी ब्लॉक से वरिष्ठ शिवसैनिक शामिल रहे। गौरतलब हो कि बस्तर जिले के नगरनार में जब स्टील प्लांट की नीव रखी गई थी तब बस्तर संभाग के युवाओं व बेरोजगारों के मन में एक आशा की किरण लहरें मारने लगी थी कि इस प्लांट के आरंभ होने के बाद बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे। लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा निजी करण के निर्णय के बाद मानो स्थानीय युवाओं की उम्मीद पर पानी फिर गया है, ना सिर्फ नगरनार स्टील प्लांट के कामगारों द्वारा बल्कि बस्तर संभाग की आम जनता द्वारा भी निजीकरण के विरोध में स्वर गूंज रहे हैं। शिवसेना के तरफ से यह साफ कहा गया है कि निजीकरण का पुरजोर विरोध किया जाएगा साथ ही प्लांट में कामगारों को ठेके पद्धति से आजादी हेतु भी संघर्ष जारी रहेगी।
नगरनार स्टील प्लांट में 60 अनुपात 20 अनुपात 20 के तर्ज पर रोजगार के अवसर स्थानीय लोगों को मिले ऐसा शिवसेना छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह परिहार ने कहा है। इसके अनुसार स्टील प्लांट में रोज़गार का सबसे पहला हक बस्तर अंचल के स्थानीय लोगों का है, इसकारण केंद्र सरकार को रोज़गार नीति में 60 प्रतिशत बस्तर संभाग के लोगों को हिस्सेदारी तथा 20 प्रतिशत हिस्सेदारी छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य लोगों को दिया जाना चाहिए वहीं बचत के 20 प्रतिशत अवसर राष्ट्रीय नीति ने अनुसार तय हो।
बता देंकि नगरनार प्लांट के निजीकरण के विरोध हेतु शिवसेना बड़ी आंदोलन की तैयारी कर रही है। शिवसेना के तरफ से यह साफ किया गया है कि स्थानीय हितों को दरकिनार करते हुए जिस तरह केंद्र की सरकार ने निजी करण का निर्णय लिया है उस पर पार्टी अपना पुरजोर विरोध दर्ज कराएगी। इस विरोध दर्ज कराने की श्रृंखला में आगामी दिसंबर माह में शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष धनंजय सिंह परिहार के बस्तर आगमन की बात भी शिवसेना के युवा इकाई के प्रदेश सचिव अरुण पांडेय ने मीडिया को बताई है। बस्तर संभाग के सभी जिलों के शिवसैनिक दंतेश्वरी मां के धरती पर अपने प्रदेश अध्यक्ष के आगमन की खबर के बाद उत्साहित दिखाई दे रहे हैं साथ ही वे अपने प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत की तैयारी में अभी से जुट गए हैं। यह माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष धन्नजय सिंह परिहार के आगमन पर तकरीबन दस हजार की संख्या में शिवसैनिक बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर पर एकत्रित होंगे।
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