दरअसल प्रदेश सरकार इसलिए बौखलाई है क्योंकि नए कृषि क़ानूनों में किसानों को 72 घंटों के भीतर एकमुश्त भुगतान का प्रावधान है
HNS24 NEWS October 11, 2020 0 COMMENTSरायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि क़ानूनों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठ की राजनीति कर किसानों को बरगलाने और उकसाने के लाख जतन कर लें, उन्हें हर बार अपने इस मिथ्याचार पर मुँह की ही खानी पड़ेगी। साय ने कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी कर गंगाजल की कसम का अपमान करने वालों को किसानों को भ्रमित करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गारंटी मांगते हुए शर्म आनी चाहिए। साय ने कहा कि एमएसपी-एपीएमसी को लेकर प्रलाप कर रही प्रदेश सरकार व कांग्रेस पहले छत्तीसगढ़ की मंडियों में तो किसानों को उनकी फसल का वाज़िब मूल्य दिलाने की गारंटी दे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री बघेल समर्थन मूल्य को लेकर अपने दिमाग़ के जाले साफ़ कर लें और फिर प्रधानमंत्री मोदी से इस मूल्य पर धान ख़रीदने की गारंटी मांगें। मिथ्या राजनीतिक प्रलाप में मशगूल मुख्यमंत्री बघेल पहले अपने प्रदेश की मंडियों में बिक रहे धान की कीमत की जानकारी ले लें। नवापारा (राजिम) की मंडी में किसानों का धान भूसे के भाव बिकने पर श्री साय ने कहा कि नवापारा मंडी में टेका निवासी एक किसान संतोष साहू का धान 666 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर अभी इसी महीने की पिछली 03 तारीख़ को खरीदा गया है! 25 सौ रुपए में धान ख़रीदी का दंभ भरने वाली सरकार के राज में किसानों के साथ यह कैसा अंधेर मचा हुआ है? साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल इस खरीफ सत्र की धान ख़रीदी से पहले प्रदेश के किसानों को पिछले खरीफ सत्र में खरीदे गए धान की पूरी कीमत की बकाया दो किश्तें एकमुश्त अदा करने, वर्तमान खरीफ सत्र की धान ख़रीदी वे पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल की तरह 01 नवंबर से करने, छत्तीसगढ़ से ड्यौढ़ा चावल अधिक यानी 60 लाख मीट्रिक टन चावल ख़रीदने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद प्रदेश सरकार किसानों का पूरा धान खरीदने की गारंटी दें। लेकिन प्रदेश सरकार उल्टे गिरदावरी के नाम पर किसानों के खेतों का रकबा कम कर ख़ुद किसानों का घोर अहित कर रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल किसानों के नाम पर चाहे जितने घड़ियाली आँसू बहा लें, प्रदेश का किसान इस सरकार के छल-कपट से भरे राजनीतिक चरित्र को अच्छी तरह परख चुका है। साय ने कहा कि कृषि क़ानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जब साफ़ कर दिया है कि इन क़ानूनों से धान के समर्थन मूल्य की व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा और मंडी की व्यवस्था पूर्ववत चलती रहेगी, तब भी मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के लोग झूठ-फ़रेब की सियासी मानसिकता से ऊपर नहीं उठ रहे हैं। साय ने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार इस क़ानून को लेकर इसलिए बौखलाई हुई है क्योंकि केंद्र सरकार ने नए कृषि क़ानूनों में किसानों को 72 घंटों के भीतर उनकी ख़रीदी गई उपज के एकमुश्त भुगतान का प्रावधान कर दिया है और ऐसा न होने पर यह आपराधिक कृत्य माना जाएगा। प्रदेश सरकार जिस तरह सामंती अंदाज़ में किसानों को उनकी उपज का मूल्य ख़ैरात की तरह दे रही है, उस सामंती-प्रवृत्ति से उपजी सत्तावादी अहंकार से प्रेरित राजनीतिक मानसिकता पर यह क़ानून नकेल कसने वाला सिद्ध होने जा रहा है।
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