बीजापुर ज़िले में खूनी उत्पात नक्सली मोर्चे पर प्रदेश सरकार के निकम्मेपन का परिचायक : भाजपा
HNS24 NEWS October 2, 2020 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने बस्तर संभाग के बीजापुर ज़िले में बर्डेला में पूर्व सरपंच धनीराम कोरसा और गोंगला में वार्ड पंच गोपाल कुडियम को नक्सलियों द्वारा मौत के घाट उतारे जाने की ताज़ा वारदात पर शोक व्यक्त कर मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसे नक्सली मोर्चे पर प्रदेश सरकार के निकम्मेपन का प्रदर्शन बताया और कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है, तबसे नक्सलियों के हौसले बुलंद हैं। पिछले छह महीने के दौरान 80 से अधिक लोग इनके शिकार हुए हैं। हालात यह हैं कि केवल बीजापुर जिले में इसी महीने एक एएसआई, वन विभाग के रेंजर समेत 17 लोगों की हत्या नक्सली कर चुके हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि नक्सल मामले में भी प्रदेश सरकार अपनी ज़वाबदेही को लेकर ज़रा भी गंभीर नहीं है और इस मोर्चे पर भी वह नाकारा साबित हुई है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कांग्रेस सरकार के पास राज्य स्तर पर नक्सल उन्मूलन की कोई योजना ही नहीं है। साथ ही केंद्र से भी समन्वय करने के बजाय प्रदेश सरकार सस्ती और हल्की राजनीति करने में लगी रहती है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश के सिस्टम में नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले लोगों का शामिल होना भी दु:खद है। नक्सलियों द्वारा जगदलपुर के नज़दीक तक आना और पर्चे अदि लगाना ऐसे तथ्य हैं जिस पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। श्रीवास्तव ने कहा कि हमने बस्तर से अपने विधायक भीमा मंडावी को खोया है लेकिन उस पर भी कांग्रेस केवल राजनीति करती रहती है। झीरम घाटी के नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं की एक पूरी पंक्ति ही शहीद हो गई, लेकिन झीरम जैसे हमले पर भी कभी भी कांग्रेस का रुख समझ में आने लायक नहीं रहा।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने हैरत जताई कि एक बार बिलासपुर में तो राहुल गांधी ने नक्सलियों को झीरम मामले में सीधे क्लीन चिट देते हुए साफ़ कह दिया था वह हमला नक्सलियों ने किया ही नहीं था! ऐसे ही गैर ज़िम्मेदाराना बयान सीएम भूपेश बघेल देते रहते हैं। चुनाव के समय चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि झीरम के सबूत उनकी जेब में है, और अब दो साल होने को आए, वे साक्ष्य छिपाए घूम रहे हैं। यह अपने आपमें एक बड़ा अपराध है। श्रीवास्तव ने कहा कि झीरम और मंडावी, दोनों मामले में जांच एजेंसियों को अपना काम करने देना चाहिए। भूपेश सरकार पता नहीं किस डर से हर बार अनेक बहानों से रुकावट डालकर जांच को प्रभावित करती हुई दिखती है। श्रीवास्तव ने प्रदेश में हिंसा, अपराध और क़ानून-व्यवस्था को चुनौती देने के मामलों में हुए इज़ाफ़े पर चिंता व्यक्त कर इसे प्रदेश सरकार की नीति, नीयत व नेतृत्व में खोट का परिचायक बताया।
श्रीवास्तव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वोट लेते समय पत्रकार सुरक्षा की बड़ी-बड़ी डींगें हांकने वाली कांग्रेस ने सत्ता में आते ही अपने तानाशाहीपूर्ण और असामाजिक आचरण का परिचय देना शुरू किया है। हर स्तर पर इसका प्रतिकार किया जाएगा। भाजपा ऐसी कृत्यों को सहन नहीं करेगी।