November 22, 2024
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल

पारस राठौर : नीमच : केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर के पहले सप्ताह में नई अफीम नीति की घोषणा कर सकती है। इसमें पुराने कटे हुए पट्टे बहाल किए जाएंगे। इससे प्रदेश में अफीम का रकबा ओर भी बढ़ेगा। किसान अफीम फसल की बोवनी समय पर कर सके इसलिए केंद्र सरकार अक्टूबर के पहले सप्ताह में नीति घोषित करने की तैयारी में है। इसमें 1999 से 2003 तक के कटे पट्टे, ओलावृष्टि और प्रशासनिक स्तर पर विवादित पट्टों को फिर से जारी किया जाएगा। वर्तमान में पट्टों में भी इक्का दुक्का पट्टे ही कट सकते हैं।

नारकोटिक्स विभाग के अनुसार 1999 से 2003 तक में मानक औसत नहीं देने पर पट्टे काटने से प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 1 किलो अफीम की छूट दी जाएगी। 2004 के बाद नियमों की अवहेलना के कारण वंचित किसानों को भी अफीम बोवनी का हक दिया जाएगा। 2004-05 से लेकर 2015-016 तक की अवधि में न्यूनतम आर्हता उपज पूरा नहीं करे, 2013-14 में ओलावृष्टि के कारण तय औसत नहीं देने से कट्टे पट्टे बहाल किए जाएंगे। इससे करीब 2650 पट्टे जारी किए जाएंगे।_
_सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया पुराने कटे पट्टे बहाली के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसका असर नई नीति में दिखाई देगा। प्रदेश में करीब 4 से 5 हजार नए पट्टे किसानों को जारी होंगे जो विभिन्न कारणों से कट गए थे। करीब 20 साल बाद कई किसानों को दोबारा से अफीम बोवनी का अधिकार मिलेगा। नारकोटिक्स डीएनसी प्रमोदसिंह ने बताया नई नीति आने वाली है। इसमें पट्टे बढ़ने के साथ रकबा भी बढ़ेगा।
20 साल बाद बढ़ेंगी अफीम उत्पादन गांव की संख्या
प्रदेश में 1998-99 में 1928 गांव में 68 हजार 104 किसान अफीम की खेती करते थे। बाद में किसानों की संख्या के साथ गांव कम होते गए। 2015-16 तक 994 गांव कम हो।_

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT