November 22, 2024
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रायपुर : द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अककॉउंट ऑफ इंडिया रायपुर ब्रांच के पूर्व अध्य्क्ष,महालेखाकार एडवाइजरी बोर्ड के पूर्व सदस्य व भाजपा नेता सीए अमित चिमनानी ने मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में कर्ज पर दिए बयान को भ्रमित करने वाला बयान बताया है।उन्होंने कहा कि किसानों की आड़ लेकर सरकार अपना वित्तीय कुप्रबधंन छुपाने का प्रयास कर रही है आजकल सरकार जहाँ जवाब नही दे पाती वहाँ किसान और संस्कृति का सहारा लेती है।उन्होंने कहा छतीसगढ़ सरकार ने ऋण लेने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में जहाँ प्रतिवर्ष औसतन केवल 2,400 करोड़ रु का कर्जा लिया गया वही यह सरकार प्रतिवर्ष 12,000 करोड़ रु यानी पिछली सरकार से 6 गुना ज्यादा कर्ज ले रही है।

वितीय घाटा जो पिछले 15 सालों में 3% औसतन रहा वो दोगुना लगभग 6% हो चुका है।किसी भी प्रदेश की ऋण लेने की सीमाएं तय होती है यह सीमा प्रदेश की जीएसडीपी की 20% है जिसे डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने 17.4% तक सीमित रखा।

यह सरकार इस सीमा को भी पार कर रही है और मुख्यमंत्री जी यहाँ भी रुके नही है इस सीमा को 6 % शिथिल करने की मांग भी उन्होंने प्रधानमंत्री से की है।तो सवाल यह है कि इतना कर्ज चुकाएगा कौन?यह बोझ जनता पर ही पड़ रहा है आखिर यह कर्ज किसी राजनीतिक दल को नही चुकाना बल्कि जनता को ही चुकाना पड़ेगा।

कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ब्याज की देनदारी में लगातार वृद्धि हो रही है ऐसे में आगे चलके सरकार के कुल बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल ब्याज चुकाने में चला जायेगा और अभी जा भी रहा है।

अर्थशास्त्र का नियम है कोई भी सरकार कर्ज लेती है तो उसे उसके अधिकतम भाग को ऐसी जगह इस्तेमाल करना होता है जिससे उसकी आय व जीएसडीपी बढ़ सके परंतु अगर सरकार केवल रेवेन्यू खर्चे करती रहेगी तो न आय बढ़ेगी न जीएसडीपी नतीजा दिवालिया पन होगा।

अमित ने बताया कि पाकिस्तान व अन्य कई डूबते देशों की अर्थव्यवस्था भी इसी संकट से गुजर रही है उन्होंने भी यही गलती की बस पैसे लेते गए ब्याज का बोझ बढ़ता गया उसे पटाने और ऋण लेते गए।

एक सरकार का दायित्व यही होता है कि वह अपने वादे बिना प्रदेश की अर्थव्यवस्था बिगाड़े पूरे करे। प्रदेश अपनी आय के साधन बढ़ाकर कर्ज के बोझ को जितना कम करे उतना अच्छा पर यहाँ उल्टा हो रहा है ।अमित ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नही की कर्ज हर सरकार को लेना पड़ता है लेकिन कर्ज तय सीमाओं के अनुरूप लेना और कर्ज लिए पैसे को हर वर्ग के समुचित विकास के लिए लगाकर उससे प्रदेश की जीएसडीपी बढ़ाने में सहायक बनाना अति आवश्यक है।

सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पूरी तरह ठप्प करने के बाद भी वो युवाओं को नौकरी नही दे पा रही।
पहले से तय तनख्वाह में 30% की कटौती कर रही है, राज्य का अंश नही देने की वजह से 5 लाख आवास से जरूरतमंद लोगों को वंचित कर दिया गया,कोरोनाकाल में भी श्रमिक,युवा बेरोजगार या किसी भी वर्ग को सीधे खाते में पैसे नही दे पाई।
सफाई कर्मचारियों के 2 – 2 दिन के वेतन काट रही है। विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प है नए काम शुरू करना तो दूर जो कार्य चल रहे थे उन्हें पुरा नही कर पा रही।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश का समुचित विकास किया सड़के नही होती तो व्यापार कैसे होता,लोग आवागमन कैसे करते ? स्कूल कॉलेज न होते तो छात्र पढ़ते कहा,हॉस्पिटल न होते तो इलाज कहा होते,बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटी न बनाई होती तो यहाँ के युवा उच्च शिक्षा कहाँ से प्राप्त करते ।भाजपा सरकार ने यह सम्पूर्ण विकास अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बेहतर बना कर ही किया है।जिसका लाभ आज प्रदेश के हर व्यक्ति को मिल रहा है।
भाजपा सरकार ने 15 वर्षो में प्रदेश के वित्तीय मजबूती और विकास के कार्यो की सौगात देने के साथ लगभग 5,000 करोड़ के बजट को 85,000 करोड़ तक पहुचाया।
अब माजूदा राज्य सरकार ने प्रदेश को पाई पाई के लिए मोहताज कर दिया है साथ ही हर वर्ग आंदोलित है।

HNS24 NEWS

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