November 22, 2024
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रायपुर. 19 जुलाई 2020. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गोवर्धन मठ पुरी में राजधर्म विषय पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पद पर बैठे हर व्यक्ति को राजधर्म का पालन करना चाहिए। सुशिक्षित, सुसंस्कृत, सेवा परायण, संपन्न और स्वस्थ व्यक्ति व समाज की रचना राजनीति का उद्देश्य होना चाहिए। स्वामी श्रीकरपात्री  महाभाग के 113 वें प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी का आज पहला दिन था। इसमें जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी  निश्चलानंद सरस्वती सहित धार्मिक, सामाजिक और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय व्यक्ति एवं विशेषज्ञ तीन दिनों तक अपने विचार व्यक्त करेंगे।

ऑनलाइन संगोष्ठी में हिस्सा ले रहे संतों एवं विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री  बघेल ने राजतंत्र और लोकतंत्र का अंतर बताते हुए कहा कि दोनों ही व्यवस्थाओं में व्यक्ति महत्वपूर्ण है। राजनीति में व्यवस्था ऐसी हो कि हर नागरिक भयमुक्त हो और उनके लिए अच्छी बातों को ग्रहण करने की पर्याप्त जगह हो। उन्होंने कहा कि भारत में आदिकाल से ही विचारों की स्वतंत्रता रही है। यहां असहमति को भी सम्मान से देखा जाता है। भारत के विविधतापूर्ण विचारों का पूरी दुनिया ने सम्मान किया है। यहां विचारों में खुलापन है। यह खुलापन बरकरार रहना चाहिए और असहमति को भी जगह मिलना चाहिए।

बघेल ने कहा कि राजनीति के केंद्र में आम जनता का हित होना चाहिए। लोगों को रोजगार और भयमुक्त वातावरण मिलना चाहिए। देश की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हम छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई को हरेली त्यौहार के शुभ मौके पर गोधन न्याय योजना शुरू कर रहे हैं। यह देश और दुनिया की पहली योजना है जिसमें पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण तथा जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे भोजन में विषाक्तता से मुक्ति मिलेगी। गोबर की खरीदी से लोग पशुपालन और उसकी देखरेख के लिए प्रेरित होंगे। इससे खेतों में फसल चराई पर रोक भी लगेगी। उन्होंने बताया कि पशुपालकों से दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी। स्वसहायता समूहों की मदद से इसे वर्मी कंपोस्ट में बदलकर 8 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों और विभिन्न विभागों को बेचे जाएंगे।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यस्था में मंदी नहीं आई। प्रदेश में मजदूरों, किसानों एवं आदिवासियों सहित सभी वर्गों की क्रयशक्ति बनाए रखने के लिए अनेक कदम उठाए गए। मनरेगा के तहत 1900 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान और गन्ना उत्पादक किसानों के खातों में राशि पहुंचाई गई। वनांचलों में लगातार वनोपज खरीदी का काम जारी रखा गया।

HNS24 NEWS

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