छत्तीसगढ़ : रायपुर केंद्रीय सहकारी बैंक के मँदिरहसौद शाखा. के अँतर्गत समर्थन मूल्य पर धान खरीदने बनाये गये 7 धान खरीदी केंद्र मे धान बेचने वाले 38 ग्राम के किसानों को रकम निकालने बैंक शाखा के सामने रोजाना डेरा डालना पडता है। इसमें गल्ती इस शाखा बैंक की नहीं वरन् इस शाखा तक रकम पँहुचाने के जिम्मेदार बैँको की है। इतना ही नहीं वरन् जिम्मेदार बैँको द्वारा अधिकतर दो हजार व पांच सौ रुपये के खराब नोटों के साथ-साथ बीस व दस रुपये के नोटों की गड्डी भेजा जा रहा है जिसकी वजह से बैंक कर्मियों व किसानों के बीच झडप की नौबत रोजाना बनी रहती है।किसानों की शिकायत पर इस शाखा बैंक पँहुचे किसान सँघर्ष समिति के सँयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने किसानों व बैंक कर्मियों से चर्चा के बाद जानकारी दी है कि रोजाना बैंक खुलते ही किसानों सहित अन्य खाताधारी रकम निकालने बैंक पहुंच जाते हैं जबकि बैंक में पैसा नहीं पँहुचा रहता।इस शाखा मे एक्सिस बैंक अथवा केंद्रीय सहकारी बैंक से रोजाना रकम पँहुचने की जानकारी देते हुये उन्होंने आगे बतलाया है कि रायपुर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस शाखा मे अधिकतर अपरान्ह 3 बजे के आसपास रकम पँहुचाया जाता है।आज भी किसानों से चर्चा के दौरान करीबन साढे तीन बजे रकम पँहुचने की जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि किसानों को रोजाना लगभग 50-60 लाख रुपये का भुगतान करना होता है पर बैँक के माँग के अनुरूप रकम नहीं पँहुचने से कई किसानों को निराश लौटना पडता है। किसानों द्वारा बैंक से दो हजार व पांच सौ रुपये के अधिकतर खराब नोट दिये जाने व बीस व दस रूपये के नोटों की गड्डी थमा दिये जाने से किसानों को चलाने व ले जाने मे होने वाली शिकायत पर बैंक कर्मियों से की गई चर्चा के हवाले से श्री शर्मा ने कहा है कि कर्मियोँ के अनुसार ऊपर से भेजे गये रकम को.किसानों को देना विवशता है और इसकी वजह से किसानों से तनातनी की नौबत भी हरहमेशा बना रहता है। बैंक का सर्वर भी अधिकतर डाऊन रहने से बैँकिग कार्य ठप्प रहने व इससे भी किसानों को परेशानी होने की जानकारी उन्होंने दी है। उन्होंने शासन-प्रशासन से किसानों को इन परेशानियों से उबारने तत्काल प्रभावी व्यवस्था का आग्रह किया है।