रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के अगले चुनाव के ठीक पहले शराबबंदी लागू करने संबंधी ताज़ा बयान को प्रदेश की जनता के साथ खुली धोखाधड़ी बताया है। श्रीवास्तव ने कहा कि मंत्री लखमा के इस बयान प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बदनीयती जगज़ाहिर हो गई है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा शराबबंदी की है ही नहीं, वह तो प्रदेश के साथ शर्मनाक दग़ाबाज़ी करके शराब का अवैध कारोबार चलाने पर आमादा है। प्रदेश में शराब के इस अवैध कारोबार से वह अपनी तिजोरियाँ भरने का काम कर रही है। इस सरकार को अगर प्रदेश के सरकारी ख़ज़ाने की फ़िक्र होती तो प्रदेश में 30 फ़ीसदी शराब गोरखधंधा नहीं चलता। इस अवैध कारोबार में करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा हो रहा है और सरकार को राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है। संजय ने पूछा कि करोड़ों रुपए का यह राजस्व सरकारी ख़ज़ाने में नहीं जाकर कहाँ जा रहा है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री लखमा का बयान पर प्रदेश सरकार को साफ करना चाहिए कि शराबबंदी पर उसका रुख़ बार-बार बदल क्यों रहा है? क्या प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को शराब में डुबाकर ही दम लेगी? श्रीवास्तव ने कहा कि इस बात का साफ संकेत यही है कि अभी अगले चुनाव तक प्रदेश सरकार शराब के अवैध कारोबार से लोगों के पारिवारिक, सामाजिक व आर्थिक ताने-बाने को नष्ट करके फिर अगले चुनाव में प्रदेश के साथ ठगी करने पर आमादा है। लेकिन, भाजपा प्रदेश को शराब से बर्बाद करने के कांग्रेसी सत्ताधीशों के मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।
प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि कैबिनेट मंत्री लखमा ने यह कह कर छत्तीसगढ़ की श्रमशक्ति को भी अपमानित करने का काम किया है कि यहां लोग मेहनतकश हैं इसलिए उन्हें शराब की ज़रुरत है। श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब जानते हैं यहां माताएं-बहनें लगातार शराब के खिलाफ आन्दोलन कर रही हैं. वे परेशान हैं. लगातार शराब के कारण ह्त्या एवं अन्य अपराध हो रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ हिंसा की तो यहां बाढ़ सी आ गयी है जिनमें अधिकतर के कारण शराब होते हैं। फिर भी इस तरह शराब को महिमामंडित करने से ज्यादा निंदनीय और क्या हो सकता है भला? भाजपा प्रवक्ता ने मंत्री से अपने इस बयान के लिए माफी मांगने को कहा है। साथ ही इस लखमा के बयान के सन्दर्भ में सीएम भूपेश बघेल से स्पष्टीकरण देने को कहा है कि क्या वे लखमा के बयान से सहमत हैं? क्या सच में वे चुनाव के समय केवल शराबबंदी का शिगूफा फिर छोड़ने वाले हैं? श्रीवास्तव ने प्रदेश को शर्मिन्दा करने वाले ऐसे बयानों के लिए सरकार से भी माफी मांगने की बात कही है।
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