झीरम मामले में सीएम बघेल पर साक्ष्य छिपाने का मुकदमा चलाया जाना चाहिए : भाजपा
HNS24 NEWS June 22, 2020 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने झीरम घाटी कांड को लेकर कांग्रेस के राजनीतिक प्रलाप और घड़ियाली आँसू बहाने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने ही बड़े प्रभावी, दिवंगत कद्दावर नेताओं की शहादत पर भी राजनीति करने और घड़ियाली आँसू बहाने से बाज़ नहीं आ रही है। यह शर्मनाक है। छत्तीसगढ़ ने कांग्रेस के उन प्रभावी नेताओं को असमय खो दिया जिनके रहते भूपेश बघेल कभी सीएम नहीं बन पाते। उन दिवंगत नेताओं और पीड़ित परिवारजनों को न्याय निश्चित ही मिलना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि क्यों न झीरम के मामले में जेब में सबूत लिए घूमने की बात कहने और सालों बीत जाने के बाद भी अब तक सबूत पेश नहीं करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर साक्ष्य छिपाने का मुकदमा चलाया जाना चाहिए? कांग्रेस को याद तो होगा ही जो न्याय दिलाने का वादा उन्होंने झीरम के शहीद नेताओं के परिवार से किया था। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों का ठीकरा भाजपा पर फोड़ने आमादा रहने वाले कांग्रेस के नेता कभी अपने मुख्यमंत्री पर भी तो यह दबाव बनाएँ कि वे सबूत पेश करके झीरम की जाँच को अंजाम तक पहुँचने में सहयोग करें। कहां है वह खूंटी जिसमें सीएम सबूत रख कर कुर्ता या जैकेट टांग कर भूल गए है? क्या उस खूंटी की तलाश करने और सबूत से भरा कुर्ता या जैकेट बरामद करने एसआईटी के गठन की मांग कांग्रेस के नेता करेंगे? या न्याय का ढोल पीटने वाले कांग्रेस के नेता सिर्फ राजनीतिक प्रलाप कर सिर्फ घड़ियाली आँसू बहाना जानते है।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि यह आश्चर्यजनक ही नहीं अपितु असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है कि बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते अब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झीरम कांड के सबूत लिए फिरते थे और सत्ता में आने के 18 माह बाद भी न तो दिवंगत परिवारों से किया वादा उन्हें याद है और ना ही सबूत पेश कर अपने नेताओं को वे न्याय दिला पा रहें है। उन्होंने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार ही झीरम की जाँच को बाधित करने पर आमादा रही है। कभी उसे कोर्ट की जाँच पर एतराज होता है तो कभी वह एनआईए की जाँच प्रक्रिया से बचने की कोशिश करती है। इससे साफ है कि कांग्रेस और प्रदेश सरकार को झीरम मामले की जाँच और शहीदों के परिजनों को न्याय दिलाने से कोई सरोकार नहीं है, बस इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रलाप कर शहीद नेताओं के परिजनों के आँसुओं पर अपनी सियासत चमकाना उनका एजेंडा रह गया है।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि भाजपा शुरू से ही चाहती है कि प्रदेश के नेताओं की इतनी बड़ी शहादत के बाद प्रदेश को अपूर्णीय क्षति हुई है ऐसे संवेदनशील मामले का खुलासा जल्द होना चाहिए। यह दुर्भाग्यजनक है कि प्रदेश सरकार इस मामले में गंभीर नहीं दिखती, किसी न किसी तरह बहाने बना कर इस मामले कि जांच को लटकाना चाहती है ताकि कांग्रेस अपनी आदतन रणनीति के तहत सियासत में शाहदत पर राजनीतिक रोटी सेकती रहे। उन्होंने कहा कि यह नाकारापन नहीं तो और क्या है झीरम कांड के समय केंद्र में कांग्रेस की ही गठबंधन सरकार थी और अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, फिर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले की जाँच को अंजाम तक नहीं ले जा सके। उन्होंने कहा कि अभी अचानक ऐसा क्या हो गया कि आनन फानन में कांग्रेस संचार विभाग के शैलेश नितिन त्रिवेदी को नींद से जागना पड़ा और यह मुद्दा उठाना पड़ा। बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया जी बिना बताए अचानक आ धमके, उनका बिना बताए आना कोरेण्टाइन का डर था या लाल बत्ती बाटने का हल्ला यह कांग्रेस जाने। पर पुनिया जी के आने से कांग्रेस नेताओं में लाल बत्ती के लिए मची नम्बर बढ़ाने की होड़ उफान पर है। शायद इसी लिए कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी आनन फानन में अपने नेताओं की शहादत के मुद्दे को उठा कर अपना नम्बर बढ़ाने और सियासत चमकाने में लगे है।
भाजपा प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबूत दे दें दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया से भी कांग्रेस के शहीदों के परिवारजनों को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुनिया जी आप प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हैं। भूपेश को मुख्यमंत्री बनाने में भी आपकी भूमिका रही है। वे आपकी बात नहीं टालेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते उनकी जेब में जो सबूत रखा था उसे निकलवा कर झीरम मामले में दूध का दूध और पानी का पानी कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाइये।
भाजपा प्रवक्ता ने किया कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से सवाल
1. क्यों न मुख्यमंत्री बघेल का लाई डिटेक्टर-पॉलीग्राफी टेस्ट हो?
2.झीरम मामले में सीएम बघेल पर साक्ष्य छिपाने का मुकदमा चलाया जाना चाहिए या नहीं?
3. क्या सबूत छिपाना भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध नहीं है?
4.झीरम जांच को लेकर मुख्यमंत्री आखिर किसके दबाव में हैं?
5.झीरम पीड़ितों को न्याय दिलाने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने वरिष्ठ दिवंगत साथियों को न्याय दिलाना भूल कैसे गए?
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