November 22, 2024
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  • चित्रा पटेल : रायपुर : कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने घोषणा पत्र में ऐलान किया था कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वह किसानों को ₹25 धान का समर्थन मूल्य देंगे इसके बाद कांग्रेस  सत्ता पर काबिज हो गई लेकिन काबिज होने के बाद किसानों को बोनस के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

पहले केंद्र और राज्य सरकारों के बीच फंसे पेज के कारण किसानों को बोनस की राशि नहीं दी जा रही सखी क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को साफ कर दिया था कि यदि राज्य सरकार ₹500 समर्थन मूल्य पर धान खरीदेगी तो केंद्र सरकार उनकी पूल में आने वाले धान को नहीं लेगी बाद में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के तहत 1815 और 18 सो ₹35 प्रति क्विंटल की दर से किसानों से धान लिया जिसके कारण किसानों को कांग्रेश द्वारा ऐलान किए गए 25 ₹100 समर्थन मूल्य में 665 और 685 कम मिलेंगे हालांकि इस राशि को राज्य सरकार ने बोनस के रूप में किसानों के खातों में डाले जाने का ऐलान किया था इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी जो यह निर्धारित करती कि किसानों के खातों में बोनस की राशि किस तरीके से दी जाए इसके बाद अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस अंतर की राशि को ₹10000 प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को खातों में जमा की जाएगी।

राजीव गांधी किसान योजना के तहत राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि सहायता के लिए खरीद 2019 में पंजीकृत उपार्जित के आधार पर धान मक्का और गन्ना फसल के लिए 10,000 प्रति एकड़ की दर से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से अनुदान की राशि किसानों के खातों में डाली जाएगी इसके लिए बजट में इक्यावन सौ करोड़ का प्रावधान किया गया है इस योजना के तहत राज्य के 1875000 किसानों को लाभ मिलेगा साथ ही खरीद 2020 में आगामी वर्षों में फसलों में पंजीकृत के आधार पर निर्धारित राशि से किसानों को सहायता के रूप में दी जाएगी इस योजना की शुरुआत, लेकिन योजना शुरू होने के पहले ही विवादों में घिर गई है क्योंकि सरकार के इस निर्णय में किसानों को प्रति एकड़ का घाटा उठाना पड़ रहा है 1 एकड़ में 15 क्विंटल धान होता है और इस 15 क्विंटल धान के अंतर की राशि 10275 होती है ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को मात्र प्रति एकड़ 10,000 दिया जा रहा है यानी कि ₹275 कम दिया जाएगा यदि के हिसाब से से मूल्य निकाला जाए तो 18.33 पैसे प्रति क्विंटल सरकार किसानों को कम देने जा रही है यदि इस राशि को धान के उत्पादन के हिसाब से जोड़ा जाए तो करोड़ों रुपए होगी जो किसानों की जीत की वजह कांग्रेसी सरकार के खजाने में जमा होगी

कृषि मंत्री  का बयान

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि हम सिर्फ धान क हीं नहीं बाकी फसलों का भी 10000 प्रति एकड़ के हिसाब से योजना के तहत देंगे और गन्ना मक्का दलहन तिलहन को भी शामिल किया है, अलग-अलग योजनाओं में अलग-अलग राशि की व्यवस्था की गई है।

भाजपा ने सरकार पर साधा निशाना

भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा एक बार फिर से कांगरे सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है किसानों को ₹2500 क्विंटल धान खरीदी की बात कहना और केवल 1875_ 1835 का भुगतान करनाअंतर की राशि जो देने की बात आ रही है तो एक बार फिर से प्रति एकड़ ₹10000 देने की बात कर रही है पहले सरकार को 15 क्विंटल धान ₹650 के हिसाब से धान खरीदना था अर्थात ₹10275 प्रति एकड़ किसानों को देना था लेकिन अब कांग्रेस की सरकार केवल 10000 रुपए प्रति एकड़ रुपया प्रति एकड़ देना चाह रही है अर्थात ₹275 का की डंडी मारने की प्रयास कर रही हैयह कांग्रेस की सरकार कर रही है जो स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ बड़ा धोखा है बड़ा विश्वासघात है।

HNS24 NEWS

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