आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रधानमंत्री का आर्थिक पैकेज मील का पत्थर सिद्ध होगा। : भाजपा
HNS24 NEWS May 18, 2020 0 COMMENTSरायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के पाँचवें चरण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा रविवार को घोषित पैकेज के प्रावधानों और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदमों से केंद्र सरकार के सुलझे दृष्टिकोण और विकास व जनकल्याण के लिए स्थायी योजनाओं में नेतृत्व का चिंतन साफ नज़र आता है। भाजपा ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का स्वागत कर कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह पैकेज मील का पत्थर सिद्ध होगा।
भाजपा की राष्ट्रीय महामंत्री व संसद सदस्य सरोज पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करके केंद्र सरकार गाँवों तक एक ऐसा ढाँचा विकसित करने जा रही है कि भविष्य में किसी भी तरह की महामारी का मुकाबला अब गाँव में ही किया जा सकेगा। मेडिकल रिसर्च को प्रोत्साहित करने का केंद्र सरकार का संकल्प समय की मांग के अनुरूप है। सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योगों के क्षेत्र में कंपनियों को दीवालिएपन की समस्या दूर कर केंद्र सरकार ने इन्साल्वेंसी की लिमिट एक लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए करके इन कंपनियों को बिना किसी दबाव के बेहतर परिणाम के साथ काम करने का अवसर दिया है। कंपनी एक्ट के सात नियमों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर भी केंद्र सरकार ने सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण घोषणा की है। कोरोना संकट से निपटने में केंद्र सरकार ने राज्यों को अब तक काफी मदद उपलब्ध कराई है। राज्यों की मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भविष्य में भी खुले दिल से सहायता करने का भरोसा देकर राज्यों को भी कोरोना संकट से निपटने के लिए अधिक क्षमतावान बनाने का काम किया है।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संसद सदस्य रामविचार नेताम ने कहा कि पैकेज की पाँचवीं किश्त में प्रवासी मजदूरों के रोजगार की केंद्र सरकार ने जो चिंता की है, वह केंद्र सरकार की संवेदनशीलता और मानवीय पहल की मिसाल है। अपने-अपने गृह प्रदेशों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने रोजगार की चिंता करते हुए उन्हें मनरेगा के तहत काम मुहैया कराने की घोषणा और इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करके पुनः यह सिद्ध किया है कि श्रमिक इस देश की अनमोल श्रम-संपदा हैं और सरकार इन श्रमिकों की इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ी है। इसी तरह केंद्र सरकार शैक्षिक जगत में ऑनलाइन स्टडी को बढ़ावा देकर समय के अनुरूप कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए चल रहे तीन चैनल को बढ़ाकर अब 15 कर दिया जाना शिक्षा के प्रति केन्द्र सरकार की सतत जागरुकता का परिचायक है।
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