November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर, चित्रा पटेल। राजधानी रायपुर के व्यस्तम मार्ग गुढ़ियारी, अशोक नगर, बड़ा अशोक नगर, शिवानंद नगर को जोड़ने वाला तेलघानी नाका ब्रिज जो वर्ष 2020 से अपनी मियाद पूरी कर चूका है। इस ब्रिज से डेढ़ साल पूर्व ही भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस ब्रिज का ज्यादा दिन तक इस्तेमाल किया जाना किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण देना है। जिम्मेदारों द्वारा जल्द ही ब्रिज निर्माण कराकर क्षेत्र के लोगों को बड़ी दुर्घटना से बचाया जा सकता है। आपको बता दें कि ब्रिज निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद भी जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाने के चलते काम अधूरा पड़ा हुआ है। अधूरे हुए निर्माण को काफी समय बीत जाने के बाद भी शासन-प्रशासन संबंधित जमीन मालिकों को एग्री नहीं कर पाया है।

ये है मामला
तेलघानी नाका ब्रिज काफी जर्जर हो चूका है। इस पूल से आवाजाही करने वालों के लिए कभी भी हादसा का शिकार होना पड़ सकता है। इस ब्रिज को कागजों में भी जिम्मेदारों ने जर्जर घोषित कर दिया है। इसके बावजदू इस पूल का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही नए ब्रिज का निर्माण अटका हुआ है। इससे सीधा सवाल शासन-प्रशासन में बैठे हुए लोगों पर उठ रहा है। सवाल यह भी है कि रोजाना तीन लाख लोग इस ब्रिज का इस्तेमाल करते हैं, अगर हादसा होता है तो जवाबदार कौन होगा?

ब्रिज पर लगता है लंबा जाम
सरकार आखिर बंद काम को शुरू करवाने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही? इस जाम में नौकरी पेशा, कारोबारी, विद्यार्थी, महिलाएं, बच्चे सभी फंसते हैं।

तेलघानी नाका ब्रिज ही बेहतर विकल्प
गुढ़ियारी जाने का सबसे छोटा रास्ता-आपको गुढ़ियारी, अशोक नगर, बड़ा अशोक नगर, शिवानंद नगर समेत अन्य कॉलोनियों में जाना है तो तेलघानी नाका ब्रिज ही बेहतर विकल्प है। अगर आप पंडरी, रेलवे स्टेशन से उतर रहे हैं तो इसी रास्ते का चयन करेंगे। महोबाबाजार ओवरब्रिज के पास 10 किमी लंबा पड़ता है।

बिना भू-अधिग्रहण के टेंडर किया जारी
जानकारी के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने बिना भू अधिग्रहण किए ठेका कंपनियों को टेंडर जारी कर दिया था। ओवर ब्रिज की जद में करीब पांच लोगों की जमीन आ रही है। यहां शासन ने 30 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर जमीन का रेट निर्धारित किया। इनमें से दो लोग जमीन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन तीन तैयार नहीं हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने जमीन की दरें कम कर दी। इससे यहां जमीन की दरों में 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। 30 हजार वर्ग मीटर जमीन का रेट अब 21 हजार वर्ग मीटर के बराबर है।

अप्रैल 2020 तक काम पूरा होना संभव नहीं
12 सितंबर 2018 को वर्क आॅर्डर जारी हुआ। कंपनी को 11 अप्रैल 2020 तक काम पूरा करना है। जो अब किसी भी कीमत में संभव नहीं है। कंपनी की तरफ से भी पीडब्ल्यूडी पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह जल्द समस्या का समाधान कर, जमीन मुहैया करवाए।

नया ब्रिज बनाने के लिए 35 करोड़ की लागत तय
नया ब्रिज बनाने के लिए 35 करोड़ की लागत तय की गई है। स्टेशन से आने में वर्तमान ब्रिज के बायी तरफ के हिस्से में ब्रिज बनेगा। इस चौक पर ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए ओवरब्रिज के साथ ही एक अंडरब्रिज बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साढ़े 17 करोड़ की लागत से यहां 300 मी. लंबा अंडरब्रिज भी बनाया जा रहा है। आमापारा से अग्रसेन चौक होते हुए तेलघानी नाका तक जाने वाली सड़क इसी अंडरब्रिज से गुजरेगी। इससे ओवरब्रिज पर वाहनों का दबाव कम होगा।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT