November 22, 2024
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रायपुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उपाध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को राजनीतिक ओछेपन का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस ने फिर एक गलत परिपाटी क़ायम करने की कोशिश की है।

डा. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की मानसिकता से अब भी नहीं उबर पाई है और वह पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल मे स्थापित संस्थानों व योजनाओं के नाम बदलने के एजेण्डे पर ही काम कर रही है। प्रदेश शासन का यह निर्णय अनपेक्षित और दुखद है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक शिष्टता का तक़ाज़ा यही था कि पूर्व घोषित नामकरण से कोई छेड़छाड़ नही होती लेकिन मौजूदा प्रदेश सरकार से यह अपेक्षा बेमानी ही है।

डा. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के शिखर पुरुष पं. माधवराव सप्रे और पूर्व सांसद चन्दूलाल चन्द्राकर का पत्रकारिता के क्षेत्र में, देश के स्वाधीनता आन्दोलन में उल्लेखनीय योगदान रहा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार यदि इन दोनों महापुरुषों के प्रति सम्मान व्यक्त करना चाहती है तो उनके नाम पर नए संस्थानों की स्थापना करना ज्यादा श्रेयस्कर होता। पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलकर प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक जगत में भी अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देकर गलत परम्परा की शुरुआत की है।

डा. सिंह ने कहा कि प्रदेश निर्माता अटल जी ने जिस संस्थान का उद्घाटन किया, दुराग्रहवश उस पहचान से छेड़छाड़ करना निंदनीय है। भाजपा की सरकार लम्बे समय तक यहां सत्ता में रही है लेकिन उसने कभी भी दुर्भावनापूर्ण ढंग से ऐसी कोई कारवाई नही की। उन्होंने कहा कि शासन को अपना निर्णय वापस लेकर संस्थान का नाम बहाल करना चाहिए।

पूर्व सीएम डा. रमन ने कहा कि इससे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ऐन पुण्यतिथि के दिन ही उनके नाम की शासकीय योजनाओं आदि का नाम बदल कर पहले भी भूपेश सरकार अपने द्वेष का परिचय दे चुकी है। पूर्व सीएम ने कहा कि सत्ता में आने पर भाजपा इस सरकार के सभी ग़लत निर्णयों का परीक्षण कर उसे बदलने की कारवाई करेगी।

HNS24 NEWS

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