रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के पूछे गए पांच सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीसीसी अध्यक्ष मरकाम को भाजपा से नही, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछना चाहिए कि किसानों के हित को ध्यान में रख कर धान की खरीदी कब करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल इन 11 महीनों में भ्रामक बातें करके अपनी जिम्मेदारी से बचने का काम कर रही है जिससे प्रदेश की जनता भलिभांति समझती है।
भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि हमेशा कांग्रेस दिग्भ्रमित करने की नीति अपना कर सत्ता का सुख लेना चाहती है और ऐसा ही छत्तीसगढ़ में चल रहा है। ऐसे कई सवाल पीसीसी अध्यक्ष के समक्ष है। लेकिन उस सवालों से बचकर अब ऐसे सवाल खड़ा कर रहे हैं, जिनका जवाब भी उनके ही पास है। प्रदेश के गृह मंत्री एक तरफ अधिकारियों से बैठक करते हैं वही दूसरी ओर अपराधी अपराध करके फरार हो जाते है। पीसीसी अध्यक्ष की जवाबदारी बनती है कि अपने मंत्री से पूछे कि आखिरकार छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ की ओर क्यों है।
भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि इस समय तो कांग्रेस पार्टी को सवाल न करके जनता के हर सवाल का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस हर मोर्चे पर असफल है और असफलता को छिपाने के लिए केवल तर्कहीन बातें करने में लगी है इसका जीता जागता उदाहरण पीसीसी के अध्यक्ष का सवाल है। प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है। चुनाव से पहले ही कांग्रेस 25 लाख बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कर चुकी है। किसानों का कर्ज पूरी तरफ से माफ नहीं हुआ है, प्रतियोगिता परीक्षाएं नही हो रही है। नए विकास कार्य नहीं किए जा रहे है, पूरे प्रदेश में अलोकतांत्रिक प्रक्रिया के रास्ते पर सरकार कांग्रेस सरकार चल रही है।
भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि इन सारों विषयों पर पीसीसी के अध्यक्ष को मंथन करके अपने संगठन के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री से सवाल करना चाहिए। उन्हें जवाबदेह बनाना चाहिये। जनता ने सवाल पूछने का काम प्रदेश में फिलहाल भाजपा को दिया गया है। कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका का इतना ही शौक है तो इस्तीफा देकर जाये विपक्ष में, फिर भाजपा हर सवाल का जवाब देगी जैसे पहले भी देती रही है। श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेताओं से अपना गैर जवाबदेह, गैरजिम्मेदाराना और अड़ियल रवैया छोड़ कर घोषणाओं को पूरा करने में लगने को कहा है। उन्होंने कहा कि जनता इन्हें सवाल पूछने के लिये वेतन नही दे रही, जवाब देने के लिये दे रही है।