April 12, 2025
  • 5:45 pm श्रमिक कल्याण और ऊर्जा के क्षेत्र में विकास को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
  • 5:40 pm मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हनुमान जयंती पर की पूजा-अर्चना
  • 5:28 pm हथियार के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार देगी लाखों रूपए
  • 5:20 pm धरमजयगढ़ में फूटा जन आक्रोश , डीबीएल की खदान विस्तार परियोजना के खिलाफ आदिवासियों का महाविस्फोट
  • 5:03 pm बीजापुर में मुठभेड़ ,माओवादियों के शव बरामद

रायपुर : 7अप्रैल2025,रायपुर रेल मंडल के सभागार में आज दिनांक 07. 04. 2025 बजे खरसिया -नया रायपुर – परमलकसा रेल परियोजना पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई है। जिसमें ऑनलाइन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय भी ऑनलाइन जुड़े साथी छत्तीसगढ़ के सभी सांसद गन भी जुड़े जिसमें मुख्य रूप से सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, सांसद संतोष पांडे ,  कमलेश जांगड़े, राधेश्याम राठिया सहित अन्य सांसद गण जुड़े।

रायपुर रेल मंडल के सभागार में सभी पत्रकारों के साथ की ऑनलाइन जुड़ने की व्यवस्था की गई रायपुर रेल मंडल से अपर मंडल रेल प्रबंधक  बजरंग अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक  अवधेश कुमार त्रिवेदी सहित रायपुर रेल मंडल के अधिकारीगण मीडिया सदस्य उपस्थित रहे।

प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

  • (1) खरसिया से नया रायपुर होते हुए परमालकसा तक 5वीं और 6वीं रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत ₹8,741 करोड़ है।
  • (2). यह परियोजना 278 किमी रूट और 615 किमी ट्रैक लंबाई की है, जिसमें 21 स्टेशन, 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, और 5 रेल फ्लाईओवर शामिल हैं।
  • (3.)कोलकाता-मुंबई मुख्य मार्ग पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए यह परियोजना बेहद जरूरी है, जिससे यात्री और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी।
  • (4.) यह नई लाइन बिलासपुर और रायपुर को बायपास करने का विकल्प देगी, जिससे मालगाड़ी की गति और दक्षता में वृद्धि होगी।
  • (5.) परियोजना से रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग, और राजनांदगांव जिले लाभान्वित होंगे।
  • (6.) 21 से 38 मिलियन टन माल परिवहन और 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें इस मार्ग से चलेंगी।
  • (7). हर साल 113 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी होगी, जो कि लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
  • (8.) 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत सालाना होगी, जिससे पर्यावरण और ईंधन दोनों को लाभ होगा।
  • (9.) इस रेल परियोजना से हर साल ₹2,520 करोड़ की लॉजिस्टिक लागत की बचत होगी, जो सड़क परिवहन की तुलना में अधिक किफायती है।
  • (10.) यह परियोजना छत्तीसगढ़ की आर्थिक गतिविधियों को गति देने और संपर्कता सुधारने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT