रायपुर : दिनांक 11 अगस्त 2019 छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने ममतामयी मिनी माता की पुण्यतिथि पर स्मरण करते हुए उनके द्वारा किये गये सामाजिक चेतना उत्थान को याद किया।
डॉ महंत ने बताया कि मीनाक्षी देवी उर्फ मिनी माता सन् 1952 में सांसद बनी थीं वे देश की प्रथम महिला सांसद थी, उन्होंने देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किये। छुआछूत मिटाने के लिए उन्होंने इतना काम किया कि मिनी माता को लोग मसीहा के रुप में देखा करते थे। उनके घर में हर श्रेणी के लोग आते थे और मिनी माता उनकी समस्याओं को हल करने में पूरी मदद करती थीं। ऐसा कहते हैं कि जब वे सांसद के रुप में दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। छत्तीसगढ़ से जो कोई भी दिल्ली में आता, वह निर्जिंश्चत रहता कि मिनी माता का निवास तो है। ठंड के दिनों में मिनी माता ध्यान रखतीं कि कोई भी ठंड से परेशान न हो। अगर किसी को देखतीं कि ठंड से सिकुड़ रहा है तो उसको कंबल से ढंक देतीं। एक बार तो ऐसा हुआ कि उनके पास खुद को ओढ़ने के लिए कंबल नहीं रहा। बहुत ज्यादा ठंड हो रही थी। मिनी माता ने एक सिगड़ी जला कर खाट के नीचे रख दिया, पर सिगड़ी का धुँआ पूरे कमरे में भर गया और बहुत ज्यादा घुटन हो गई, जिसके कारण मिनी माता बेहोश हो गईं। कई दिन तक चिकित्सा चलने के बाद वे ठीक हुईं। ऐसी थीं मिनी माता।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा मिनी माता का नाम जितना छोटा दिखाई पड़ता है उतना ही विशाल हृदय था, वे समाज की पीड़ा देख नही सकती थी उसे दूर करने आर्थिक,शारीरिक परिश्रम कर हर संभव प्रयास किया। उनका पूरा जीवन प्रेरणादायी है, हम सबको उनके जीवन का अनुसरण करना चाहिये।
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