November 22, 2024
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रायपुर : दिनांक 06 अगस्त 2019. चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए तैयार नए आदर्श सेवा नियम से संविदा पर नियुक्त डॉक्टरों की नियमित पदस्थापना की जा सकेगी। शासकीय मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक संवर्ग के पदों पर भर्ती में तेजी लाने चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आदर्श सेवा नियम बनाया गया है। शैक्षणिक पदों पर जरूरी स्टॉफ की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में अध्यापन के स्तर में सुधार के साथ ही इलाज की सुविधाओं का विस्तार होगा। आदर्श सेवा नियम के 5 जुलाई को राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही यह अस्तित्व में आ गया है।

आदर्श सेवा नियम के अनुसार मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर की नियुक्ति एक वर्ष के लिए अनुबंध आधार पर परिवीक्षा पर की जाएगी। ऐसे डॉक्टर यदि कॉलेज में सीनियर रेसीडेंट या अन्य वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षक के रूप में एक वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिए कार्य किया है, तो उसे नियमित सेवा में नियुक्ति दी जा सकेगी। चयन समिति परिवीक्षा अवधि के दौरान डॉक्टर द्वारा किए गए अध्यापन एवं चिकित्सीय कार्यों के आधार पर उन्हें नियुक्त करने की अनुशंसा करेगी। इसके आधार पर उन्हें नियमित पद पर नियुक्ति का आदेश जारी किया जाएगा।

नया आदर्श सेवा नियम राज्य शासन द्वारा स्थापित स्वशासी चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में लागू होंगे। इन नियमों को छत्तीसगढ़ स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श नियम, 2019 नाम दिया गया है। कार्यकारिणी समिति द्वारा संकल्प पारित कर इन नियमों को अंगीकृत करने वाले महाविद्यालयों में ये नियम लागू होंगे। पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर को इस आदर्श सेवा नियम से अलग रखा गया है।

नया आदर्श सेवा नियम स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा सृजित शैक्षणिक पदों पर लागू होगा। इसके तहत अधिवार्षिकी आयु 70 वर्ष निर्धारित की गई है। इन नियमों के लागू होने के पहले से नियुक्त चिकित्सा प्राध्यापकों को उपयुक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा। ऐसे प्राध्यापक जिनकी नियुक्ति छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 1987 के तहत हुई है, उनकी सेवाएं राज्य शासन के नियमों द्वारा शासित होगी और वे स्वशासी समिति में प्रतिनियुक्ति पर माने जाएंगे।

HNS24 NEWS

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