रायपुर.: दिनांक 27 जुलाई 2019. लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में ई.टी.पी.बी.एस. (Electronically Transmitted Postal Ballots) मील का पत्थर बन गया है। संवैधानिक ताकत के साथ पात्र सेवा मतदाताओं ने इसमें अपनी हिस्सेदारी करते हुए ई.टी.पी.बी.एस. के जरिये न केवल अपने मताधिकार का उपयोग किया, बल्कि भारत निर्वाचन आयोग के आदर्श थीम ‘कोई मतदाता न छूटे‘ को भी सार्थक किया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुये लोकसभा निर्वाचन-2019 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBs) ने सेवा निर्वाचकों के लिए यह अवसर उपलब्ध कराया। आयोग ने इस कार्य को लोकतांत्रिक निर्वाचन प्रक्रिया में मील का पत्थर निरूपित किया है। आयोग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2014 के लोकसभा निर्वाचन में पंजीकृत सेवा निर्वाचकों की संख्या 13 लाख 27 हजार 627 थी। इसकी तुलना में लोकसभा निर्वाचन-2019 में 18 लाख दो हजार 646 की रिकॉर्ड संख्या पोर्टल https://www.servicevoter.eci.nic.in पर ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से सेवा निर्वाचकों के रूप में दर्ज कर इलेक्ट्रॉनिक रूप में डाक मतपत्र भेजे गये थे। पहली बार सेवा निर्वाचकों के लिये एक पूर्णतः ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल का उपयोग समय, संसाधन एवं त्रुटियां बचाने के लिये किया गया। छत्तीसगढ़ में भी तीन चरणों में हुए निर्वाचन के दौरान 17 हजार 223 सेवा मतदाताओं के लिए ई.टी.पी.बी.एस. जारी किये गये थे, जिनमें से 11 हजार 20 मतगणना हेतु प्राप्त हुए। यह सेवा मतदाताओं को जारी किये गये कुल ई.टी.पी.बी.एस. का 64 प्रतिशत है।
भारत निर्वाचन आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के बाहर दूतावासों में तैनात सरकारी अधिकारियों, केन्द्रीय सुरक्षा बलों एवं भारतीय सेना के सभी सदस्यों को सेवा मतदाता के रूप में वर्गीकृत कर ऑनलाइन पंजीयन का प्रावधान किया गया। सेवा निर्वाचकों की कुल संख्या में से दस लाख 16 हजार 245 रक्षा मंत्रालय से, सात लाख 82 हजार 595 गृह मंत्रालय (केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल) से, तीन हजार 539 विदेश मंत्रालय और राज्य पुलिस से 267 पंजीकृत सेवा निर्वाचक शामिल थे। देश में सात चरणों में संपन्न हुये निर्वाचन में कुल 18 लाख दो हजार 646 डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भारत निर्वाचन आयोग के आईटी प्रोग्राम जिसे ई.टी.पी.बी.एस. के रूप में जाना जाता है, इसका उपयोग करके भेजा गया। लोकसभा निर्वाचन-2019 में दस लाख 84 हजार 266 ई-डाक मतपत्र 60.14 प्रतिशत मतदान के संकेत प्राप्त हुये, जो कि 2014 के लोकसभा निर्वाचन की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार है, जब डाक से मतदान केवल चार प्रतिशत था।
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