रायपुर/08 अप्रैल 2024। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी एक बार फिर से जुमलेबाजी करके निकल लिये। जैसे हमने पहले कहा था मोदी छत्तीसगढ़ आकर सस्ता प्रचार पाने प्रलाप करेंगे, उन्होंने किया। छत्तीसगढ़ की जनता समझ गई है कि प्रधानमंत्री सहानुभूति पाने नौटंकी करेंगे लेकिन सच नहीं बालेंगे। झूठ बोल कर जनता की सहानुभूति हासिल करना मोदी का पुराना शगल है। छत्तीसगढ़ में भी प्रधानमंत्री ने अपने पुरूषार्थ और कामों के आधार पर वोट मांगने का साहस नहीं दिखाया। उनके पास अपने काम बताने को कुछ नहीं था। झूठ बोलो, झूठ बोलो, बारंबार झूठ बोलो की आदत से मोदी सिद्धहस्त हो चुके है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से बस्तर आने से पहले बस्तर की आदिवासी जनता ने पूछा था उनका 32 प्रतिशत आरक्षण उन्होंने राजभवन में क्यों रोकवाया है? आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर अधिकार मजबूत करने वाला वन अधिकार अधिनियम 2006 में प्रधानमंत्री ने संशोधन क्यों करवाया? छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही हसदेव अरण्य में कटाई क्यों शुरू हो गयी? प्रधानमंत्री इस पर भी चुप रहे, मोदी ने यह भी नहीं बताया कि नगरनार संयंत्र को आज भी उनकी सरकार ने बेचने वाली सूची में क्यों डाल रखा है? प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से जुमलेबाजी किया। बस्तर की जनता को निराश किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ किनके लगे है इस पर मौन साधे रहने वाले इलेक्ट्रोरल बांड में कंपनियों को धमका कर ईडी, सीबीआई, आईटी के छापे मरवा कर चंदा वसूलने वाले मोदी जब ईमानदारी की बातें करते है तो देश की जनता को मोदी ‘‘बगुलाभगत’’ नजर आते है। प्रधानमंत्री यह क्यों नहीं बताते कि अडानी की कंपनी में एलआईसी का पैसा क्यों लगाया?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर की जनता को यह नहीं बताया कि 2016-17 में जब इसी तरह डबल इंजन की सरकार थी तब ग्राम सभा की फर्जी एनओसी जारी कर, लौह अयस्क खदान नंदराज पर्वत अडानी को बेचे, कांग्रेस सरकार ने 2019 में उक्त खदान को निरस्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा लेकिन अब तक निरस्त क्यों नहीं किया है? एनएमडीसी का नगरनार प्लांट बेचने के लिए दीपम की सरकारी साइट पर सेल लगाकर क्यों रखा गया है? 1 अप्रैल 2019 से तेंदूपत्ता संग्राहकों के बीमा का केंद्रांश क्यों बंद किया गया? वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को अपने पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए संशोधित कर आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार से क्यों वंचित किया गया?
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