रेत माफिया को खुश करने रमन सिंह रेतनीति का विरोध कर रहे है : आनंद शुक्ला
HNS24 NEWS May 16, 2019 0 COMMENTSछत्तीसगढ़ : रायपुर 16 मई 2019 भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह रेत खदानों के निजीकरण से इतने विचलित क्यों हैं? प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में सरकार प्रायोजित माफिया पनप गया था। सत्तारूढ़ दल के प्रभावशाली नेता अपने रसूख का उपयोग कर पंचायतों पर अनुचित दबाव बना कर रेत खदानें हथिया लिये थे। सरकारी संरक्षण में चल रहे रेत के इस गोरख धंधे के कारण राज्य के खजाने को करोड़ों रू. की राजस्व हानि होती थी। पंचायतों को भी उनके हिस्से की रायल्टी में भी रेत माफिया गोलमाल कर जाता था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने रेत खदानों के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को बंद करने के लिये रेत खदानों को सरकारी उपक्रम छत्तीसगढ़ मिनरल डेव्लेपमेंट कार्पोरेशन (सीएमडीसी) से चलवाने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से रेत खदानों का बेहतर प्रबंधन और दोहन हो सकेगा। साथ ही खदानों के परिचालन में पूरी पारदर्शिता आयेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा किया है कि रेत खदानों में रायल्टी की चोरी रोकने के लिये सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे, भाजपा ने इस प्रस्ताव का भी विरोध किया है। भाजपा बतायें कि रेत खदानों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का वह विरोध क्यों कर रही है? सीसीटीवी कैमरों से भाजपा को क्या परेशानी है? सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि रेत खदानों से मिलने वाली रायल्टी की राशि में 25 फीसदी हिस्सा पंचायतों को दिया जायेगा। इससे पंचायतें आर्थिक रूप से सुदृढ़ होगी, गांव का विकास होगा। सुशील ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और रमन सरकार पूर्वाग्रह में रेत खदानों के सीएमडीसी के संदर्भ में गलत बयानी कर रहे है। रमन सिंह 15 सालों तक सरकार चला चुके हैं। वे बतायें कि उनके राज में पंचायतों को रेत खदानों से कितना राजस्व मिलता था? प्रदेश में वैद्य तरीके से कितनी खदाने चल रही थी? रेत खदाने सरकारी उपक्रम सीएमडीसी के द्वारा संचालित होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पर्यावरण को तथा नदी के प्राकृतिक बहाव को अवरूद्ध करने, गैर कानूनी तरीके से चलने वाली रेत खदानों पर अंकुश लगेगा। भाजपा की खाओ देने वाली संस्कृति पर भी विराम लगेगा। भारतीय जनता पार्टी ने 15 वर्ष में छत्तीसगढ़ की प्रचुर प्राकृतिक संपदा को बेदर्दीपूर्वक दोहन किया था। प्राकृतिक संसाधनों के इसी बेदर्दीपूर्वक दोहन का ही दुष्परिणाम है कि आज राज्य की नदियां दम तोड़ रही है, वन कम हो रहे है, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।
RELATED ARTICLES
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
R.O,No: 13028/174
Recent Posts
- सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
- मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
- सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
- मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
- सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल