छात्रवास में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों का किया बेरहमी से पिटाई
HNS24 NEWS February 12, 2024 0 COMMENTSकांकेर : अंतागढ़ : दूरस्थ अंचलों से पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को शासन की योजनाओं के तहत अच्छी शिक्षा के लिए कई जगहों पर सर्व सुविधा युक्त छात्रवास व आश्रमों का संचालन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में किया जा रहा है लेकिन छात्रवासों में भी छात्रों से बेरहमी से मार पीट जैसे घटनाएं निकल कर सामने आए, तो निश्चय ही छात्रवास में छात्रों का देख रेख करने वाले अधीक्षक की लापरवाही दर्शाती है क्यों की अधीक्षक निरंतर छात्रवास में रह अपने जिम्मेदारी को बखूबी निर्वहन करते तो ऐसे घटनाए देखने या सुनने नही मिलती,
दरअसल मामला कांकेर जिले के अंतागढ़ से महज तीन किमी दूर प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रवास कोदागांव का है जहां पर डिसिप्लिन तोड़ने के नाम पर सीनियर छात्रों ने छात्रवास में ही 3 बच्चो के साथ बेरहमी से डंडे से पिटाई कर दिया।
घटना 25 जनवरी की है जो लगभग 18 से 20 दिन होने को है, ऐसे में विभागीय जांच के नाम पर सिर्फ दोषियों को बचाने का खेल चल रहा है जबकि घटना के 20 दिन बाद अब भी डरे सहमे एक छात्र, छात्रवास नही पहुंचा है, जिससे उसकी शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है की आखिर डिसिप्लिन तोड़ने को लेकर सीनियर छात्र को जूनियर छात्रों को बेरहमी से पीटने का अधिकार किसने दिया, क्या बेहरहमी से मारपीट करते समय अधीक्षक मौजूद नही थे और थे तो आखिर इतना बेरहमी से छात्रों के साथ पिटाई कैसे हुई, साथ ही पिटाई के बाद छात्र डरा सहमा सुबह होते ही ट्रक में सवार हो कर कैसे घर पहुंचा, रास्ते में अगर छात्र के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती तो आखिर कौन जवाब दार रहता,
वो तो गलीमत है की छात्र के परिजनों के द्वारा स्थानीय पत्रकारों से संपर्क करते हुए मामले की संक्षिप्त जानकारी दी, वरना आज भी इस घटना को ऐसे ही दबा दिया जाता,जानकारी के बाद मामले की पड़ताल जब छात्रवास के बच्चो से की गई तो चौकाने वाली बात सामने आई ।
आखिर छात्र शराब सेवन करने बहार निकले कैसे, या शराब छात्रवास में ही लाया गया, इस घटना के दौरान पूरे दिन क्या अधीक्षक मौजूद नही थे, मामला साफ है की अधीक्षक अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण तरीके से नही कर पा रहा है फिर भी विभागीय अधिकारी इन्हे बचाने में लगे है,क्यों की इस घटना के बाद हमारे स्थानीय संवाददाता जानकारी लेने छात्रवास पहुंचे तो, अधीक्षक ने कैमरे में जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया, जिस पर जानकारी के लिए विभाग के ब्लाक प्रमुख मंडल सयोजक के दफ्तर पहुंचे,तो उसने भी कैमरे में बात करने का अधीनस्थ नही होने की बात करते अपना पल्ला झाड़ दिया, ऐसे में स्पष्ट समझा जा सकता है की पूरे विभाग दोसियो के साथ साठ गांठ कर उन्हे बचाने के फिराक में है,
और ऐसे ही साठ गांठ के चलते क्षेत्र में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे है क्यों की अब से 6 महीने पूर्व में भी इस तरीके की घटना एकलव्य आवासीय विद्यालय अंतागढ़ में भी हुई थी जिसे स्थानीय पत्रकारों के द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था, उस मामले पर भी जांच के नाम पर अब तक दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं करते ठंडे बस्ते में डाल दिया गया , अगर उस घटना पर दोषियों पर कार्यवाही किया गया होता तो आज फिर से ऐसी घटना दुबारा सामने देखने को नही मिलती, जबकि पिछले घटना में एकलव्य आवासीय आश्रम के प्रबंधन ने साफ बताया था की अज्ञात लोगों द्वारा छात्र के साथ मारपीट की गई थी। जिससे एकलव्य विद्यालय के भी सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे थे। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
हालाकि मामले को ले कर तत्कालीन sdm ने जांच करा कर दोषियों पर सक्त कार्यवाही की बात तो की गई है पर पिछले मामलों की बात करे तो अब भी शून्य हासिल है अब देखना होगा की सच में इस घटना पर दोषियों पर कार्यवाही होती है या पिछले मामले की तरह ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है
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