नगर निगम का मेमो लगाकर अवैध रूप से की जा रही है प्लास्टिक की बिक्री और स्वयं को तथाकथित पत्रकार बता कर कर रही थी यह काम
HNS24 NEWS December 20, 2022 0 COMMENTSरायपुर : रायपुर नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, राजधानी रायपुर के गोलबाजार थाना क्षेत्र के शास्त्री मार्केट स्थित हैं गोकुल नगर दुकान पर प्रतिबंधित पॉलिथीन एडसन इको सलूशन की जब्ती बनाई गई दुकान में नामक एक महिला के द्वारा नगर निगम रायपुर के लोगो (मेमू) का बिना अनुमति से उपयोग कर आम जनता को गुमराह किया जा रहा है और दुकानों पर पॉलिथीन की सप्लाई कर रही । इसकी खबर मिलते ही नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही अपने नगर निगम के टीम के साथ पहुंचकर छापामार कार्यवाही की, अधिकारियों ने बताया कि मौके पर पॉलिथिन उस दुकान में मिला साथ ही नामक महिला 3 से 4 साल तक अवैध तरीके से पॉलिथीन को आम जनता तक सप्लाई कर रही थी, जब नगर निगम के अधिकारी द्वारा पूछा गया कि तो नामक महिला ने अपने आप को तथाकथित पत्रकार बता रही और कार्यवाही पर बाधा उत्पन्न कर रही थी। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी पर दबाव बनाने का फूल प्रयास की, लेकिन जब नगर निगम के अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही द्वारा पूछे गए सवाल कि नगर निगम के मेमो का उपयोग क्यो किया गया ! जिस पर नमक महिला अपने आप को तथाकथित पत्रकार बताने लगी। नमक महिला रायपुर में पॉलिथिन की फैक्ट्री चला रही है और नगर निगम से बिना परमिशन के नगर निगम का मेमो लगाकर गलत तरीके से पॉलिथीन की सप्लाई कर रही थी। अब उक्त महिला के खिलाफ नगर निगम FIR कराने की तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में मनीष शाह दुकानदार ने बताया कि तीन चार सालों से नामक महिला से प्लास्टिक खरीद रहा है, नामक महिला द्वारा कोलकाता की कंपनी से जुड़ी है।
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तृप्ति पाणिग्रही ने बताया कि जब हम उनको इसकी सूचना मिली तो हम मौके पर पहुंचकर प्रतिबंधित कार्यवाही की ओर नामक महिला पर एफआईआर दर्ज भी करेगें। नामक महिला ने नगर निगम का मेमो लगाकर अवैध तरीके से पॉलिथिन सप्लाई कर रही है, गैर कानूनी तरीके से आम जनता तक पहुंचा रही है। नगर निगम की नाम को धूमिल करने की कोशिश है और दुकानदार पर 5000/ रुपए का चलानी कार्यवाही भी किया गया है।
हम बता दें की एक तरफ तो भारत में 1 जुलाई से प्लास्टिक बैन हो चुका है. यह हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में प्लास्टिक के बजाय कुछ बेहतर विकल्प तलाशने की जरूरत है।