रायपुर : 20 दिसंबर 2022। भूपेश सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव उपस्थित थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. सौरभ बाजपेयी, प्रो. अटल तिवारी, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, समाज सेवी मंजीत कौर बल ने छत्तीसगढ़ मॉडल और छत्तीसगढ़ सरकार के कामों से राज्य के निवासियों के जीवन में आये परिवर्तन तथा देश के अन्य प्रचलित मॉडल की तुलना में छत्तीसगढ़ मॉडल जैसे बेहतर और ज्यादा जनोन्मुखी है इस पर व्याख्यान दिया।
राजीव भवन में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए *प्रो. सौरभ वाजपेयी* ने कहा कि इकोनॉमी का मॉडल है छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ मॉडल को पूरे देश में बताना होगा। प्रचार प्रसार करना होगा। स्वतंत्रता संग्राम से निकली मॉडल कांग्रेस का मॉडल है। यह मॉडल जन केंद्रित मॉडल है। यह सरकार तक ही सीमित नहीं रह सकती है बस्तर के अंदर का अंतिम व्यक्ति तक भूपेश बघेल सरकार की योजना पहुंच सके। सुराजी ग्राम योजना। जनता की सरकार बनाना है। गुजरात मॉडल ही क्रोनोलॉजी मॉडल है। जनता को बताना होगा ठगुआ से बचना होगा। जनता के हित में काम करना है और जनता से ज्यादा से ज्यादा वोट मिलेंगे। छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हॉफ योजना लागू है। स्वामी आत्मानंद स्कूल छत्तीसगढ़ की सरकार ने खोला है। सरकार और दुकान में फर्क होती है। मॉडल की फिलॉसफी समझिये। सरकार की नजर में सब समान है। कुछ लोगों को आजादी के 70 साल भी अमृतकाल नहीं थी। 1947 की लड़ाई में राजनीतिक लड़ाई मिली थी। आर्थिक आजादी आनी बाकी है। अंग्रेजों ने कचरा छोड़ कर चले गये है उसको निकालना है। अंग्रेजो की थी कि साम्प्रदायिकता फूट डालो राज करो। यह देश धर्म निरपेक्ष देश बनेगा। राष्ट्रीय एकता स्थापित करके अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी। कांग्रेस का इकलौता दायित्व चुनाव लड़ना नहीं है। भारत को जोड़ना है। वित्तमंत्री कहती है कि रूपया कमजोर नहीं हुआ है डॉलर मजबूत हुआ है। जीते कोई विधायक किसी भी दल का लेकिन सरकार भाजपा की बनती है। ऑपरेशन लोटस इनकी सरकार हमने बना दी खरीद फरोख्त करके। लोकतंत्र का पोस्टमार्टम लोटस है। चुनौती और खतरा देश के सामने प्रस्तुत है। हमारा इतिहास गौरवशाली है। हिम्मत और हौसले से जीता जा सकता है। पहले किसान आत्महत्या क्यों नहीं करते थे क्योंकि कांग्रेस उनकी उम्मीद थी आशा थी। छत्तीसगढ़ के किसान के पास आशा है उम्मीद है और उनकी ताकत कांग्रेस है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए *मंजित कौर बल* ने कहा कि आज कल सबसे महत्वपूर्ण है नरेटिव चेंज करनी है। क्योंकि सोशल मीडिया चेंज कर रही है। वाकई में कोई दृष्टिकोण बदलने वाली है। छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत जंगलों और 33 प्रतिशत आदिवासी निवास करते है। अगर उनके बारे में बात कहे पिछले 4 सालों में देखे आदिवासी समुदाय के बारे में सोचने वाली सरकार है। हमारा दृष्टिकोण कैसे बदल रहा है नरेटिव बदल रहा है। सबसे बड़ी चुनौती होती है राजनीति इच्छा शक्ति मजबूत होना चाहिये। सबसे महत्वपूर्ण बात शिक्षा, आदिवासी कैसे सीखे और कैसे पढ़े? बीजापुर जाये तो वहां तीन प्रकार की भाषायें बोली जाती है उसको पढ़ाना कितना कठिन है। छत्तीसगढ़ शिक्षा का क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ में जो ओलंपिक खेल का आयोजन हो रहा है उससे छत्तीसगढ़ की लुप्त खेल को बढ़ावा मिल रहा है। दूसरा सबसे बड़ा विषय है स्वास्थ्य। किसी भी आदिवासी समुदाय अस्पताल जाने बोले तो नहीं जाते। इसलिये कांग्रेस की सरकार ने हाट बाजार की स्थापना की। आदिवासी भले स्कूल ना जाये, अस्पताल न जाये हाट बाजार जाते है। जब योजनाये उनकी दैनिक कार्यो से दृष्टिकोण से प्रस्तुत की जाती हैं। तब वे अपने विकास के पैमाने से जोड़ पाते है। मुख्य रूप से आदिवासी समाज को स्वास्थ्य से जोड़ना है और योजनाओं का नया स्वरूप तैयार करना है। आदिवासियों के लिये स्कूल छात्रावासों की स्थापना भी की गयी। आजीविका छत्तीसगढ़ की गांव की परिकल्पना खेत, जल, जंगल, जमीन याद आती है। वनाधिकार पट्टा सामुदायिक वन अधिकार 4 हजार ग्राम सभा के पट्टे मिल चुके है। पेशा कानून का नियम बनाया। वनोपज संग्रह में महिलाओं की भूमिका होती है। पूरी भारत में वन धन की बात हो रही है। विशेष पिछड़ी जाति के लिये सीधी भर्ती की प्रक्रिया लागू किया। मिलेट को समर्थन मूल्य में लिया जा रहा है। आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाया जा रहा है। पारंपरिक ज्ञान को आर्थिक उन्नयन की ओर ले जा रहा है।
कांग्रेस की भूपेश सरकार के चार वर्ष होने पर राजीव भवन में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए *प्रो. अटल तिवारी* ने कहा कि 20 वे दशक की पर बात करें तो स्वतंत्र खेती करते थे उस समय महात्मा गांधी ने किसानों के मन से जेल जाने का डर निकाला खेड़ा चंपारण में गांधीजी को हमेशा याद किया जाता है किसान आंदोलन के समय नेहरू जी सबसे आगे खड़े हुए थे कांग्रेस की परंपरा को देखि देखिए अवध में बड़ा आंदोलन चल रहा था उसमें हमारे कई नेता आगे आए। पूरा इतिहास भरा पड़ा है पहली पंचवर्षीय योजना किसानों के लिए थी गांव का विनाश होता है तो पूरे देश का विनाश होता है लेखक डेनियल ने लिखा कि किस वर्षों में बदलाव 200 वर्षों से अधिक है नेहरू जी ने हरित क्रांति दिया हरित क्रांति से देश में एक नई क्रांति आई राजीव गांधी में भी पंचायती राज को बढ़ावा दीया यूपी की सरकार में मनरेगा जैसी चीज शामिल हुई राहुल गांधी की पदयात्रा एक जुनून है देश जोड़ने के लिए या आंदोलन किया जा रहा है बिना किसान के अनुमति के सरकारों की जमीन नहीं ले सकते 2020 में किसानों के खिलाफ षड्यंत्र किया गया जहां कांग्रेस की सरकार थी वहां नहीं कर पाए और जहां बीजेपी की सरकार है वहां लागू करें कांग्रेस की परंपरा है किसान के साथ खड़ा होना है को धन्य योजना छत्तीसगढ़ में जिस दौर में गायक हो जगह-जगह घूमते थे इसके लिए रोजाना योजना शुरुआत की अब गाय को एक जगह एकत्रित किया जाता है गोधना योजना को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए सरकार ने पारंपरिक तरीके से आयोग को खूंटी में मांगने का कार्य किया गोधन या योजना किसानों की आर्थिक जरिया का काम किया 11000 से अधिक का विस्तार किया को धन योजना से गोबर खरीद गोमूत्र खरीदी इससे व्यवसाय भी हुआ उससे कई उत्पाद बनाए गए जैसे दिया मोमबत्ती भी बनाया गया साथी वर्मी कंपोस्ट अभी बन रहा है कांग्रेस की सरकार ने वह धन योजना लाकर वरदान साबित किया क्या बहुत ही अच्छा मॉडल है कांग्रेस की सरकार किसानों के साथ खड़ी है।
कांग्रेस की भूपेश सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुये *मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा* ने कहा कि सरकार बने 4 साल में में डेढ़ लाख करोड़ किसान के जेब में डाला। बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा किसानों के पास। गांव में सम्मानित व्यक्ति विचारधार है वो कांग्रेसी है। भूपेश है तो भरोसा है ये दिल की आवाज हैं सरकार बनी 17 लाख 11 हजार करोड़ किसान कर्ज में डूबे थे। छोटे किसान का कर्ज 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाला आदमी 15 हजार एकड़ 1 लाख कमाता है। 3 लाख का कर्जा आता है। शपथ लेने बाद और सरकार के आने के बाद 1 घंटे के अंदर किसानों का कर्जा माफ हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 हजार करोड़ रू. किसानों का कर्जा माफ किया। 2500 जिन दाम स्वामीनाथन करते थे 2500 रू. पड़ता था। धान उगाने बेटा, पिता, मां पूरे परिवार का मजदूरी के साथ 1 एकड़ 2350 पड़ता था। सरकार 2500 रू. दे रहा है न्याय है। किसान और सरकार के बीच में बना रहे यही है न्याय। 35000 हेक्टेयर खेती छोड़ रहे लगभग 2 प्रतिशत किसान शहरी मजदूरी की ओर बढ़ रहे है। 27 प्रतिशत किसानों में बढ़ोत्तरी 2 लाख हेक्टेयर बढ़ी है। 75000 हेक्टेयर बिके है किसान की समृद्धि से कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार है। शहर से लोग अब गांव की ओर जा रहे है। 1.50 लाख हेक्टेयर जमीन बढ़ी। 27 प्रतिशत किसान की बढ़ोत्तरी हुयी है। 12 प्रतिशत की वृद्धि हुयी है। छत्तीसगढ़ की परिभाषा पूरे तरह गुलजार गांव हैं भूपेश सरकार की कृषि नीति है। आज कही धान जाम नहीं है। छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत लोगो के पास 60 प्रतिशत जमीन है। पहली बार छत्तीसगढ़ सरकार लेंडलेंस किसानों को न्याय दिया। 4 लाख भूमिहीन किसान काम कर रहे है। भूमिहीन किसानों को भी न्याय दिया। पहले सरकार में आधी मजदूरी 180 रू. थी। आज गांव में मजदूरी 180 से 260 रू. हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी अलग-अलग फसलों का समर्थन मूल्य लागू किया। 3 लाख किसान गोबर बेच रहे है। वर्मी कम्पोस्ट बना रहे हैं। खादी बुनकर अंग्रेजो के आने से खत्म हो गया।
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