November 22, 2024
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल
  • 6:17 pm विकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओ.पी. चौधरी
  • 6:12 pm द साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखने जायेंगे सीएम
  • 6:08 pm रायपुर नगर दक्षिण उपनिर्वाचन के लिए मतगणना 23 नवंबर को

रायपुर : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा मैदानी कर्मचारियों के क्षमता विकास के लिए जैव-विविधता संरक्षण और सामुदायिक विकास पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 4 से 6 अगस्त तक यह कार्यशाला वन विद्यालय, जगदलपुर में तथा फील्ड विज़िट में समापन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में वन्य जीवन के मुख्य वन संरक्षक  अभय श्रीवास्तव उपस्थित थे। विभिन्न विषयों पर प्रकाश डालने  राजीव रंजन, पंचकूला, हरियाणा से,  सपना गुप्ता, जियोलॉजी डिपार्टमेंट, शासकीय काकतीय विद्यालय, जगदलपुर से, डॉ विद्याधर अटकोरे, सेकॉन, तमिल नाडु से,  सौम्या रंजन, समर्थ चैरिटेबल ट्रस्ट, छत्तीसगढ़ से,  अंज़ार नबी, जगदलपुर से,  चक्र प्रणव, ईस्ट कोस्ट कंज़र्वेशन ट्रस्ट, विशाखापट्टनम से, डॉ प्रत्युष मोहापात्रा, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से उपस्थित थे।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक  धम्मशील गणवीर ने अतिथियों का स्वागत कर, प्रकृति पूजन के रूप में आंवला पौधे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला की शुरूआत की गई।
प्रकृति की रक्षा में नागरिक दायित्व या सामुदायिक हिस्सेदारी के महत्व के बारे में  राजीव रंजन ने साहित्यिक रूप से बताया। वहीं सुश्री सपना गुप्ता द्वारा कांगेर घाटी के विभिन्न संरचनाओं जैसे गुफा, जलप्रपात एवं जियो-टूरिज्म के बारे में बताया गया। डॉ विद्याधर ने मीठे पानी के जैव-विविधता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा किया और कांगेर घाटी तथा सम्पूर्ण पर्यावरण के संरक्षण के लिए व्यवहारिक बदलाव पर भी प्रकाश डाला।  चक्र प्रणव ने छोटी जंगली बिल्लियों के रहवास व उन्हें पहचानने के तरीकों को समझाया। वहीं सौम्या रंजन द्वारा स्थानीय समुदायों के पर्यावरण संरक्षण में योगदान के बारे में बताया गया। इस अवसर पर अंज़ार नबी द्वारा फोटोग्राफी के माध्यम से प्राकृतिक सुंदरता को दिखाने पर चर्चा की गई। डॉ प्रत्युष द्वारा सांपों के महत्व के बारे में भी बताया गया। इस कार्यशाला में फील्ड विजिट में भी राष्ट्रीय उद्यान के फील्ड स्टाफ, मैना मित्र, मगरमच्छ संरक्षक, कम्युनिटी इंटर्न, ईको-विकास समितियों के सदस्यों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT