रायपुर। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिजली बिल हाफ योजना का भी सरकार ने विस्तार करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार की बिजली बिल हाफ योजना के विस्तार से नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना के तहत स्थापित किए जा रहे गोठानों व ग्रामीण औद्योगिक पार्क को भी शामिल किए जाएंगे। इसमें दिए गए विद्युत कनेक्शन के लिए बिल में 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी।
कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गोधन न्याय योजना अंतर्गत प्रदेश के गोठानों में जन भागीदारी के लिए गोठान प्रबंधन समितियों का चयन एनजीआई और एनजीओ के माध्यम से केंद्र प्रवर्तित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजना के प्रावधान अनुसार प्रशिक्षण, प्रोत्साहन एवं पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। गोठान के विकास एवं रखरखाव के लिए गोधन न्याय योजना अंतर्गत बजट प्रावधान में 3 प्रतिशत राशि प्रशासकीय मद में निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। गोठानों से संबद्ध स्व सहायता समूहों एवं प्राथमिक सहकारी समितियों को कम्पोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और वार्षिक कम्पोस्ट विक्रय पर बोनस राशि मिलेगी। इसके अलावा सरकार ने उद्योग, स्टांप, आवास, कृषि, पट्टा और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के नियमों में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।
औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ राज्य में मेगा और अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) उद्योगों में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज के निर्धारण का निर्णय लिया गया।
स्टांप और पंजीयन शुल्क में छूट
आवास एवं पर्यावरण विभाग अथवा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की ओर से अनुमोदित आबंटियों के संघ और सोसायटी को कालोनी के सामान्य क्षेत्र अंतरित करने पर लगने वाले स्टांप ड्यूटी को 10 हजार एवं पंजीयन शुल्क 5 हजार रुपए किया गया। यह छूट संचालक नगर तथा ग्राम निवेश या उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित काॅलोनी के सामान्य क्षेत्र के पंजीयन पर दी जाएगी।
स्टांप और पंजीयन शुल्क में छूट एक साल बढ़ी
नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शासकीय भूमि का आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और गैर रियायती व रियायती स्थाई पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तित करते समय देय राशि के आधार पर स्टांप शुल्क, पंजीयन शुल्क तथा नगरीय निकाय शुल्क में बड़ी राहत देते हुए छूट की अवधि को एक साल के लिए बढाया गया है। अब यह 31 मार्च 2023 तक की गई। नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आवंटन, व्यवस्थापन और भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरित किए जाने वाले विलेखों पर देय स्टांप शुल्क 5 प्रतिशत व उपकर में छूट प्रदान की जाकर अधिकतम 2 हजार रुपए निर्धारित की गई। इसी तरह आवंटन, व्यवस्थापन और भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरित किए जाने वाले विलेखों पर देय पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत में छूट प्रदान की जाकर अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया। आवंटन, व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन पर देय स्टांप शुल्क पर एक प्रतिशत अतिरिक्त (नगरीय निकाय) शुल्क को पूर्णतः माफ करने का निर्णय लिया गया।
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