November 22, 2024
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रायपुर, 03 मई, 2022। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित परंपराएं पूर्णतः वैज्ञानिक हैं तथा वैज्ञानिकता की कसौटी पर आज भी उतनी ही खरी हैं। उन्होंने कहा कि हमें पूर्वजों से प्राप्त पारंपरिक विरासत को सहजते हुए इनका आधुनिक प्रौद्योगिकी की के साथ समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित प्रदेश स्तरीय ‘‘अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस’’ समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री बघेल ने इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय सेे भूमि, जल एवं पर्यावरण संरक्षण का आव्हान किया तथा इनकी रक्षा की शपथ दिलई। मुख्यमंत्री ने यहां प्रदेश स्तरीय माटी पूजन महाअभियान का शुभारंभ भी किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न परियोजनाओं का डिजिटल शिलान्यास एवं शुभारंभ किया जिनमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में मौसम के सटीक पूर्वानुमान हेतु डॉप्लर वैदर राडार की स्थापना, छत्तीसढ़ की प्रमुख फसलों की कृषि लागत का अध्ययन करने हेतु परियोजना, लघु धान्य फसलों की जीनोम सिक्वैंसिंग हेतु अनुसंधान कार्य योजना एवं कृषि रोजगार मोबाइल एप शामिल हैं।  बघेल ने प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों को स्किल डेव्हलपमेन्ट सेन्टर के रूप में विकसित करने के लिए स्वीकृति प्रदान की। समारोह की अध्यक्षता कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री  रविन्द्र चौबे ने की।

अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री  बघेल ने रायपुर जिले के किसानों, कृषि वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को अक्ष्य तृतीया, परशुराम जयंती और ईद की बधाई दी। उन्होंने कहा कि अक्ती तिहार छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख कृषि पर्व है, जिसमें किसान ग्राम देवता एवं धरती माता की पूजा-अर्चना कर धरती माता से फसल लगाने की अनुमति मांगते हैं। इस अवसर पर बीजों की पूजा-अर्चना कर एक सीमित क्षेत्र में बीजों की बुआई की जाती है और इनकी अंकुरण क्षमता एवं जीवन क्षमता जांची जाती है। बैसाख के महीने में लगभग 45 डिग्री तापक्रम पर खेतों की जुताई से भूमि के अंदर रहने वाले सभी कीडे़-मकोड़े और उनके अण्डे समाप्त हो जाते हैं। इस प्रकार यह पूरी प्रक्रिया पूर्णतः वैज्ञानिक है।  बघेल ने धान की 23 हजार से अधिक पारंपरिक किस्मों के संग्रहण एवं संरक्षण के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे जिन पूर्वजों ने इन 23 हजार किस्मों का विकास एवं संरक्षण किया वे साधुवाद के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा की इससे मिट्टी, जल एवं पर्यावरण का संरक्षण होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभ 10 हजार गौठान तैयार किये हैं तथा 68 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 27 जिलों में अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस के आयोजन हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा प्रदेश के कृषि विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कृषि मंत्री  रविन्द्र चौबे ने अक्ती पर्व के महत्व को रेखांकित करते हुए छत्तीसगढ़ की पारंपरिक विरासतों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री  बघेल के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कृषि एवं कृषकों के विकास के लिए संकल्पबद्ध है।  चौबे ने राज्य के कृषि विकास में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की योगदान की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ के प्रमुख कृषि पर्व अक्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस के आयोजन की प्रशंसा की। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की कृषि परंपराओं को संरक्षित रखने की परिकल्पना को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अक्ती तिहार का आयोजन किया जा रहा है। आज विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रांे में अक्ती तिहार एवं माटी पूजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है जिसमें जिले के स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए हैं। डॉ. चंदेल ने बताया कि आज जिन परियोजनाआंे का शुभारंभ मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है, उनमें 14 करोड़ रूपये की लागत से प्रारंभ डॉप्लर वैदर राडार योजना से किसानों को विकासखण्ड स्तर तक मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसी प्रकार 10 प्रमुख फसलों की उत्पादन लागत का अध्ययन करने हेतु प्रदेश की 15 तहसीलों में परियोजना प्रारंभ की जा रही है। छत्तीसगढ़ की पहचान लघु धान्य फसलों की जिनोम सिक्वेंसिंग हेतु अनुसंधान परियोजना का भी शुभारंभ किया गया है। विश्वविद्यालय में स्थापित जैविक दूध उत्पादन डेयरी का लोकार्पण भी किया गया है।
कार्यक्रम मेें धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार  प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ बीज कृषि विकास निगम के अध्यक्ष  अग्नि चन्द्राकर, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष  सुरेन्द्र शर्मा, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष  रामकुमार पटेल, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह एवं संचालक उद्यानिकी  मातेश्वरन एम. उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा कृषि में नवाचार हेतु नवाचारी किसानों को सम्मानित किया गया। कृषकों, गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को फल-फूल एवं सब्जी फसलों की पौध सामग्री का वितरण किया गया। छत्तीसगढ़ बायोइन्क्यूबेशन प्रमोशन सोसायटी एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में निर्मित बायोफर्टिलाइजर का वितरण गौठानों में तैयार वर्मिकम्पोस्ट को समृद्ध बनाने हेतु किया गया। गौठान समितियों को उन्नत बीज एवं कृषि यंत्रों को वितरण किया गया। अक्ती तिहार के अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयांे में आयोजित रंगोली, गीत गायन, कविता तथा चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि एवं अक्ती गीत के रचयिता  मीर अली मीर को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. आर.के. बाजपेयी ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

HNS24 NEWS

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