November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर/14 मार्च 2022। एड़समेटा मामले में जस्टिस वीके अग्रवाल की न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि एक बार फिर से भाजपा की तत्कालीन रमन सरकार का क्रूर और आदिवासी विरोधी चेहरा उभर कर सामने आया है। जांच रिपोर्ट से यह सामने आ गया है कि इस नरसंहार के लिये भाजपा की तत्कालीन सरकार दोषी थी। जरा भी नैतिकता बची हो तो भाजपा की प्रभारी पुरंदेश्वरी इस समय बस्तर में है अपनी सरकार की इस क्रूर और अमानवीय कृत्य के लिये बस्तर की जनता से माफी मांगे। 15 सालों तक भाजपा सरकार बस्तर में आदिवासियों पर अत्याचार करते रही है। एड़समेटा में चार नाबालिको सहित 8 लोगों की हत्या की जांच के लिये पीड़ितों को न्याय दिलाने उस समय भी कांग्रेस तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष शहीद नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में राजभवन गयी थी। उसके बाद ही न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ था। एड़समेटा ही नहीं रमन राज में समूचा बस्तर भाजपा सरकार के द्वारा आदिवासियों का कत्लगाह बना दिया गया था। बस्तर के आदिवासियों के लोकतांत्रिक संवैधानिक अधिकारो को रमन सरकार ने बंधक बना लिया था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा शासनकाल के 15 साल में फर्जी मुठभेड़ भ्रष्टाचार और शोषण का जितना दंश झेला था उतना अन्याय, अत्याचार तो आजादी के 70 सालो में भी नहीं देखा था। आदमी का घर गांव उसका सबसे सुरक्षित ठिकाना होता है। भाजपा राज में राज्य के आदिवासियों को उनके घर गांव में घुस कर मारा गया। आदिवासियों को कभी नक्सली बताकर मार दिया जाता था, कभी नक्सलियों का मददगार बता कर सलाखों के पीछे डाल दिया जाता था, जस्टिस वीके अग्रवाल की रिपोर्ट भले ही एड़समेटा मामले आई है लेकिन 15 सालों के भाजपा राज में समूचे बस्तर के हालात एक जैसे थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि एड़समेटा में कई पीढ़ियों से मनाये जा रहे परंपरागत त्योहार के लिये गांव वाले इकट्ठा हुये थे। रमन सरकार ने उन पर बर्बरतापूर्वक हमला करवा कर क्रूर नरसंहार करवाया था। इस नरसंहार के बाद बस्तर की मातृशक्ति ने तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। एड़समेटा बीजापुर में किया गया एक साल के भीतर दूसरा नरसंहार था। रमन सिंह मुख्यमंत्री के रूप में उस समय कहा था कि सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा के लिये गोली चलाया था जबकि जांच आयोग में स्पष्ट हो गया कि एड़समेटा में मासूम ग्रामीण इकट्ठा हुये थे। रमन राज में आम आदिवासी के जीवन की कोई कीमत नहीं थी। यही कारण था एड़समेटा में हुई 8 हत्याओं में 4 मासूम बच्चे थे। जांच आयोग की रिपोर्ट के बाद रमन सिंह सहित पूरी भाजपा आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT