November 23, 2024
  • 11:18 pm कृषि अनुसांधान केन्द्र किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ते हुए उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा-उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
  • 11:10 pm छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’ *गुड गवर्नेंस रीजनल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा* *छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में मास्टर पाठ्यक्रम होगा शुरू
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर।नवा रायपुर में एनआरडीए भवन के सामने 45 दिन से धरना दे रहे किसानों के साथ सरकार गुरुवार को तीसरे दौर की बातचीत के बाद मंत्रिमंडलीय उप समिति के अध्यक्ष रविंद्र चौबे ने कहा कि नवा रायपुर प्रभावित किसानों ने अपनी अधिकांश मांगों पर सहमति व्यक्त की है। समिति ने तीन मांगों पर विधि विभाग से राय लेने के बाद इस पर फैसला करने का आश्वासन दिया। समिति ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अपना धरना प्रदर्शन खत्म करें। इधर नवा रायपुर प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा कि किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा।

समिति के अध्यक्ष रविंद्र चौबे ने बताया कि किसानों के साथ बैठक में कई मांगों पर सहमति बन गई है। जिन मांगों पर सहमति बनी उनमें सभी अर्जित भूमि पर वार्षिक राशि का भुगतान बिना कटौती के दिए जाने, 1200 वर्ग फीट का विकसित आवासीय भू-खंड 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के भूमिहीन वयस्कों को देने, ग्रामीण बसाहट का पट्टा प्रदान करने और सशक्त कमेटी की 12 वीं बैठक के निर्णय को धरातल पर उतारने की मांग शामिल है। उन्होंने बताया कि किसानों की तीन मांगों पर सहमति नहीं बनी है। किसानों के प्रतिनिधियों से कहा गया है कि विधि विभाग से राय लेकर इस पर निर्णय लिया जाएगा। समिति में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया शामिल हैं। समिति ने क्षेत्रीय विधायक धनेंद्र साहू को भी समिति की बैठकों में शामिल किया है।
इन मांगों पर नहीं बनी सहमति
बताया गया है कि इन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है इनमें वर्ष 2005 से स्वतंत्र भू-क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को हटाने, भू-अर्जन कानून 1894 और कृषि अर्जन, पुनर्वास, एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला उन्हें चार गुना मुआवजा देने की मांग। मंत्रियों की समिति की ओर से आश्वासन दिया गया है कि विधि विभाग से राय लेने के बाद फैसला लिया जाएगा।
किसान आधी-अधूरी बातों पर तैयार नहीं
नवा रायपुर प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, इधर नवा रायपुर बनने से प्रभावित गांवों के किसानों ने तय किया है कि सभी मांगों के पूरा होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। हम आधी-अधूरी बातों पर तैयार नहीं हैं।

HNS24 NEWS

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