रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के साथ ही धान का कस्टम मिलिंग भी जारी है। केंद्रीय पुल में इस बार राज्य को कुल 61.65 टन चावल जमा करना है। इसमें सरकार को इस साल केंद्रीय पूल में 37.65 टन और राज्य पूल में 24 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराना है। राज्य में इस बार केंद्रीय पूल में अरवा चावल जमा करने की बाध्यता को देखते हुए खाद्य विभाग ने भी अरवा चावल देने राइस मिलरों को कहा है। राज्य में लगभग 450 उसना राइस मिल हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार केंद्र से उसना चावल लेने की अनुमति देने की मांग कर रही है। केंद्र से अनुमति नहीं मिलने के कारण अब उसना राइस मिलर भी अरवा चावल मिलिंग कर देने को मजबूर हैं।
छत्तीसगढ में पैदा होने वाले धान की किस्मों से उसना और अरवा दोनों तरह के चावल का उत्पादन होता है। प्रदेश के मैदानी इलाकों में मोटा और पतला दोनों किस्म का धान उगाया जाता है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी में राज्य सरकार मोटा, सरना और पतला धान की खरीदी करती है। धान की खरीदी कर राज्य सरकार केंद्रीय पुल में एफसीआई काे चावल बनाकर देती है। उसके अनुसार केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भुगतान किया जाता है। चालू खरीफ वर्ष में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पुल में 37.65 लाख टन अरवा चावल लेने का आदेश जारी किया है। इसके एवज में अब 11.76 लाख टन चावल जमा किया जा चुका है। इसमें ये 6.50 लाख मीट्रिक टन एफसीआइ और 5.20 लाख टन नॉन में जमा किया जा चुका है।
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