रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सात फरवरी तक धान खरीदी करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को धान खरीदी की समयसीमा एक सप्ताह तक आगे बढ़ाने की घोषणा की। पहले सरकारी खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी तक थी। सीएम ने ट्वीट कर कहा कि सभी किसान भाईयों को बताना चाहता हूं, धान खरीदी की तारीख अब 31 जनवरी 2022 से एक सप्ताह आगे बढ़ा दी गई है। आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
वादा किया है, तो निभाएंगे।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों की बड़ी संख्या को राहत मिली है। पिछले माह दो बार असामयिक बारिश में धान के भीग जाने की वजह से बहुत से किसान अपना धान तय सीमा में बेच पाने में सक्षम नहीं थे। बरसात की वजह से सरकारी खरीदी भी करीब एक पखवाड़े तक बंद रही। ऐसे में धान बेचने तैयार किसानों का इंतजार बढ़ गया था। खरीदी की तारीख एक सप्ताह आगे बढ़ाने से रुकी हुई खरीदी के दिनों का नुकसान पूरा करने की कोशिश की गई है। छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी एक दिसंबर से शुरू हुई थी। सरकार ने 31 जनवरी तक एक करोड़ 5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की तैयारी की थी। मुख्यमंत्री ने इसके पूर्व ही कहा था कि जिन किसानों का टोकन कटा होगा उनसे धान खरीदा जाएगा। अब तारीख बढ़ाने के ऐलाने के बाद सभी किसानों के धान की खरीदी हो सकेगी।
अप्रैल तक धान का उठाव करें
मुख्यमंत्री ने धान उपार्जन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सीधे सोसाइटियों से मिलर्स द्वारा धान का उठाव किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे उपार्जित धान के परिवहन व्यय बचने के साथ ही कस्टम मिलिंग तेजी से होगी। मुख्यमंत्री ने अप्रैल माह तक शत-प्रतिशत धान का उठाव सुनिश्चित करने के साथ ही कस्टम मिलिंग के काम मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। अब तक 6 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराए जाने को एक उपलब्धि बताया और इसकी सराहना की। इस साल उपार्जित धान के एवज में एफसीआई में लगभग 6 लाख मीट्रिक टन तथा नान में 4.63 लाख मीट्रिक टन इस प्रकार कुल 10.57 लाख मीट्रिक टन जमा कराया जा चुका है।
पांच लाख किसानों ने नहीं बेचा धान
खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने इस साल 24 लाख 5 हजार पंजीकृत किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य था। शुक्रवार तक सरकार ने 79 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया था। यह धान 19 लाख किसानों से खरीदा गया है। अब तक लगभग पांच लाख किसानों ने धान नहीं बेचा है। लक्ष्य तक पहुंचने अब 25-26 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना बाकी है। अब शेष अवधि में धान की खरीदी के लिए 1.30 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता होगी। जबकि इसके लिए 1.52 गठान बारदाना उपलब्ध है।
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