उत्तर प्रदेश : करीब 12 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले चेयरमैन को संरक्षण देने में यूपी के 4 IAS अफसर फंस गए है। उनपर मुख्य आरोपी रामनगर के चेयरमैन के मामले को दबाने के आरोप हैं। आला अफसरों की पैरवी में नियुक्ति विभाग के एक अफसर रत्नेश सिंह भी घिर गए हैं। इन्होंने हाल में लोक आयुक्त पर ही सवाल उठा दिए थे।
अफसरों के इस काकस में लोक आयुक्त के कार्रवाई के आदेश भी दबा दिए गए। 3 महीने बाद लोक आयुक्त ने नाराजगी जताई। इसके बाद अब एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने नियुक्ति विभाग, अपर मुख्य सचिव नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर सभी पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
बाराबंकी में डीएम समेत 4 IAS पर होगी कार्रवाई
तत्कालीन जिलाधिकारी बाराबंकी IAS अखिलेश तिवारी, उदयभानु त्रिपाठी और डा. आदर्श सिंह के नाम इस मामले में उजागर हुए हैं। इसके अलावा विशेष सचिव नगर विकास अनुभाग-1, संयुक्त सचिव नियुक्ति अनुभाग-5 व उप सचिव सतर्कता अनुभाग-4 के खिलाफ कार्रवाई होनी है।
लोक आयुक्त के आदेश पर इन अफसरों की जांच विजिलेंस से कराई गई। इसमें दोषी पाए जाने के बाद इन पर कार्रवाई के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिखा गया। इस पर नियुक्ति विभाग में तैनात अफसर रत्नेश सिंह ने पूरे मामले को लटकाते हुए लोक आयुक्त से उन IAS की डिटेल मांगी है।
*चेयरमैन के खिलाफ हुई थी आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत*
वादी श्रवण कुमार शुक्ला ने तत्कालीन चैयरमैन राम शरण पाठक के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत लोक आयुक्त से गई थी। बाराबंकी के रामनगर चेयरमैन की जांच 2016 में शुरू की गई थी।
इसमें करीब 12 करोड़ की जमीन और रुपए अर्जित करने का आरोप था। 2016 से कई बार आख्या रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी और मंडलायुक्त ने उपलब्ध नहीं कराई। इस मामले में लोक आयुक्त ने इन अफसरों के खिलाफ भष्टाचार को संरक्षण देने को लेकर कार्रवाई करने का आदेश दिए है।