November 23, 2024
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छत्तीसगढ़ : रायपुर 08 मार्च 2019 अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा मध्यस्था के निर्णय पर कांग्रेस ने कहा कि देश का हर नागरिक चाहता है कि इस मसले का सकारात्मक परिणाम शीघ्र सामने आये। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि कैकेई ने तो भगवान राम को 14 वर्ष के वनवास पर भेजा था, भाजपा तो अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये भगवान राम को 30 वर्षो से अधिक समय से वनवास में रखा है। सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्था के फसले के बाद जिस प्रकार मध्यस्था के सदस्य को लेकर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुये लोग फैसले की नुक्ताचीनी कर रहे, उससे साफ हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर विवाद को सुलझाने देना ही नहीं चाहती। भाजपा के लिये श्रीराम मंदिर बनना मुद्दा नहीं है वह इस मामले को उलझायें रखना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी भगवान राम के मंदिर को अपने छद्म हिन्दुत्व का हथियार बनाकर उपयोग करती रही है। भाजपा नेताओं की सोच है जिस दिन अयोध्या मसले का विवाद निपट गया भारतीय जनता पार्टी आप्रासंगिक हो जायेगी। राम मंदिर के नाम पर 2 सांसदों से पूर्ण बहुमत तक पहुंची तथा दो बार केन्द्र में सरकार बना चुकी भाजपा की नीयत हिन्दुओं का भावनात्मक शोषण का रहा है। इसीलिये जब-जब श्रीराम मंदिर बनने का कोई निर्णय निकलने वाला रहता है भाजपा कोई न कोई कानूनी अडंगा सामने खड़ा कर देती है। देश की जनता भाजपा के इस चरित्र को भली भांति समझ रही है। केन्द्र में जब अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तब भाजपा ने पूर्ण बहुमत नहीं होने का बहाना बनाया था। जब 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तब भी भाजपा ने इस मसले के समाधान और श्रीराम मंदिर निर्माण के लिये कोई ठोस पहल कभी नहीं किया। मोदी सरकार के पास इस मामले के समाधान के अनेक वैकल्पिक रास्ते थे लेकिन पूरे पांच साल तक मोदी सरकार भाजपा और संघ के नेता राम मंदिर निर्माण के सवाल पर कोई जवाब नहीं देते थे। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्था पैनल के माध्यम से समाधान खोजने का प्रयास शुरू किया है तब भी पर्दे के पीछे से भाजपा इस मामले को और उलझाने के प्रयास में लग गयी है।

HNS24 NEWS

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